- योगी सरकार ने यूपी मुख्य चुनाव अधिकारी अजय कुमार शुक्ला व डीएम सहारनपुर अखिलेश सिंह के लिखे पत्र पर तुरंत लिया ऐक्शन, सहारनपुर मामले की जांच यूपी एसटीएफ को सौंपी
लखनऊ. सहारनपुर प्रकरण में चुनाव आयोग की वेबसाइट में सेंधमारी की बात आ रही है। पर केंद्रीय चुनाव आयोग ने वेबसाइट हैक होने जैसी बातों से साफ-साफ इनकार किया है। साथ ही आश्वासन दिया कि, नागरिकों के डेटा (public data Safe) पूरी तरह से सुरक्षित हैं। इसकी के साथ ही योगी सरकार ने यूपी मुख्य चुनाव अधिकारी अजय कुमार शुक्ला व डीएम सहारनपुर अखिलेश सिंह के लिखे पत्र पर तुरंत ऐक्शन लेते हुए सहारनपुर मामले की जांच यूपी एसटीएफ को सौंपी दी है।
गोपनीय पत्र भेजकर जांच की मांग की :- अगले वर्ष यूपी विधानसभा चुनाव 2022 होने वाले हैं। ऐसे वक्त चुनाव आयोग की वेबसाइट में घुसपैठ का यह मामला बेहद गंभीर है। ऐसी संभावना जताई जा रही है कि इसके तार कई और राज्यों से भी जुड़े हो सकते हैं। इस वजह से सहारनपुर जिलाधिकारी अखिलेश सिंह ने इसकी जांच किसी विशेषज्ञ एजेंसी से कराने के लिए गोपनीय पत्र चुनाव आयोग को लिखा था। मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने भी शुक्रवार को इस पत्र को गृह विभाग भेजकर विशेषज्ञ एजेंसी से जांच कराने के लिए कहा था। पत्र मिलने के बाद शासन अलर्ट हो गया। और यूपी एसटीएफ को जांच सौंप दी गई। अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने इसकी पुष्टि की है।
दोषी मिलने पर सख्त कार्रवाई :- माना जा रहा है कि फर्जी मतदाता पहचान पत्र बनाने का गैंग सूबे के अन्य जिलों में भी सक्रिय हो सकता है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी अजय कुमार शुक्ला ने बताया कि, सहारनपुर मामले की जांच हो रही है। दोषी मिलने पर उन पर सख्त कार्रवाई होगी। और सबसे अहम है कि यह पता चल सकेगा कि, इन लोगों किस तरह से चुनाव आयोग के डाटा बेस तक अपनी पहुंच बनाई है।
चुनाव आयोग का वेबसाइट हैक होने से इनकार :- चुनाव आयोग ने वेबसाइट हैक होने जैसी बातों से इनकार किया है। उसका कहना है कि ईसीआई का डेटाबेस बिल्कुल सेफ और सेक्योर है। आयोग के अनुसार सहायक मतदाता सूची अधिकारी को मतदाता पहचान पत्र की छपाई और समय पर वितरण सहित अन्य सेवाएं देने के लिए अधिकृत किया गया है। हमारा मकसद है कि कोई मतदाता छूटे नहीं। एईआरओ कार्यालय में तैनात एक डाटा एंट्री ऑपरेटर ने कुछ वोटर आईडी कार्ड की प्रिटिंग के लिए अपना यूजर आईडी और पासवर्ड सहारनपुर के नकुड़ उप-मंडल में एक निजी अनधिकृत सेवा प्रदाता के साथ शेयर कर लिया था। जो कि गलत और अवैध है। दोनों व्यक्तियों को गिरफ्तार कर लिया गया है।