
लखनऊ. लखनऊ यूनिवर्सिटी में जल्द ही हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के विशेषज्ञ छात्रों को ट्रेनिंग देते दिखाई देंगे। दरअसल लखनऊ यूनिवर्सिटी का अंग्रेजी डिपार्टमेंट अब हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के साथ मिलकर समर कोर्स चलाने जा रहा है। इस साल एग्जाम के बाद यह समर कोर्स चलाया जाएगा। जो दो सप्ताह का होगा। विभाग के सेंटर फॉर कल्चरल टेक्स्ट के तहत यह कोर्स चलेगा जिसमें दो यूनिवर्सिटी के शिक्षक पढ़ाएंगे। एलयू और हार्वर्ड यूनिवर्सिटी मिलकर इसका कैरिकुलम भी तैयार कर रहे हैं। जिसमें हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के एक्सपर्ट हिस्सा लेने वाले प्रतिभागियों को पढाएंगे।
दोनों यूनिवर्सिटी मिलकर करेंगे लिटरेचर पर रिसर्च
एलयू की अंग्रेजी डिपार्टमेंट की प्रोफेसर निशी पांडेय ने बताया कि हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में यह समर कोर्स चलाया जाता है। प्रो मार्टिन ने यहां के छात्रों को समर कोर्स में आमंत्रित किया था। लेकिन सभी छात्र हार्वर्ड नहीं जा सकते इसलिए हमनें उन्हें यह समर कोर्स यहां आयोजित करने को कहा।हार्वर्ड में जुलाई में समर स्कूल चलता ऐसे में हम इससे पहले यहां चलाएंगे। प्रो। पांडेय ने बताया कि समर स्कूल के साथ दोनो यूनिवर्सिटी मिलकर शोध भी करेंगे। क्रियेटिव राइटिंग समेत अन्य विषयों पर मिलकर वर्कशॉप आदि भी कराई जाएगी। इसके अलावा शोध के समान विषयों पर भी चर्चा होगी जिसमें हम लोग मिलकर शोध कर सकेंगे।
नई तकनीक से न डरें
हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर मार्टिन पुकनर ने एलयू में वर्कशॉप के दौरान कहा कि कहानी कहना बहुत पुरानी विधा है। पहले लोग कहानी लिखने के बजाए कहना ही ज्यादा पसंद करते थे। अगर हमारे धर्मो की बात की जाए तो जीजस, मोहम्मद, बुद्ध आदि महात्माओं ने लिखा नहीं सिर्फ कहा है। उनके जाने बाद उसे लिखा गया जिसे आज पूजा जाता है। तकनीक से डरना नहीं चाहिए। जब जब नई तकनीक आई तो लोगों ने शुरुआत में उससे परहेज किया है। आज टैबलेट पर लेखन कार्य हो रहा है लेकिन मेरे लिये ये नया नहीं है। क्योंकि जब लेखन की शुरुआत हुई तो तब भी टैबलेट पर लेखन होता था। फर्क सिर्फ इतना है कि उस समय के टैबलेट पत्थर के होते थे आज तकनीक से लैस हैं।
Published on:
04 Feb 2018 02:12 pm
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