
लखनऊ. उत्तर प्रदेश के 22 जिलों में बाढ़ (Flood in UP) का कहर देखने को मिल रहा है। चंबल, यमुना, गंगा, वरुणा और घाघरा समेत कई नदियां खतरें के निशान से ऊपर बह रही हैं। वाराणसी में बाढ़ ने लोगों का जनजीवन अस्त-व्यस्त कर रखा है। काशी के मारुति नगर, जानकीनगर, सामने घाट, अस्सी घाट समेत वरुणा पार के दर्जनों मोहल्लों में गंगा का पानी घुस चुका हुआ है। इसके अलावा कानपुर व बांदा जैसे कई जिलों में भी बाढ़ से हाहाकार मचा हुआ है। प्रयागराज में गंगा और यमुना खतरे के निशान से तकरीबन एक मीटर ऊपर बह रही हैं।
अगले तीन दिन भारी बारिश की संभावना
मौसम विभाग के द्वारा जारी की गई अलर्ट ने लोगों की टेंशन को और बढ़ा दिया है। मौसम विभाग ने अगले तीन दिनों के दौरान प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में भारी बारिश होने का अलर्ट जारी किया है। जिसमें चित्रकूट, कौशाम्बी, प्रयागराज, सोनभद्र, मिर्जापुर, चंदौली, वाराणसी, संत रविदास नगर, महाराजगंज, सिद्धार्थनगर, बलरामपुर और आसपास के क्षेत्र में भारी बारिश होने के आसार जताए गए हैं।
राहत और बचाव के कार्य जारी
सरकार ने बचाव कार्य में 1133 नाव लगाई हैं, जबकि प्रदेश में 976 बाढ़ चौकियां स्थापित कर दी गई हैं। बाढ़ क्षेत्रों में 409 मेडिकल टीम गठित की गई है जो बाढ़ में फंसे लोगों को इलाज की सुविधा प्रदान करने में जुटी हैं। जलशक्ति मंत्री डॉक्टर महेन्द्र सिंह को बाढ़ राहत कार्यों की समीक्षा के लिए लगाया गया है। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ ने 536 लोगों को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से सुरक्षित निकालकर राहत शिविरों में पहुंचाया है।
Published on:
11 Aug 2021 06:29 pm
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