
BSP chief held meeting for election gathbandhan
लखनऊ. अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने भारत से तरजीही व्यापार समझौता तोड़ने का एलान किया है। कुछ ही दिनों में औपचारिकताओं के बाद जनरलाइज्ड सिस्टम ऑफ प्रेफरेंसेंज (GSP) कार्यक्रम के लाभार्थी का दर्जा भारत से वापस ले लिया जाएगा, जिससे भारत का करीब 40 हजार करोड़ रुपये का ड्यूटी फ्री निर्यात प्रभावित होगा। विपक्षी दलों ने इसे लेकर चिंता जताई है व भाजपा सरकार को ऐसे हालातों से तुरंत निपटने की सलाह दी है। बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती व समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मामले को लेकर भाजपा पर निशाना साधा है।
अमेरिका ने ट्रेड वार का रूख भारत की तरफ मोड़ा- मायावती
मायावती ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर कहा कि अमेरिका अब भारत को निर्यात में छूट नहीं देगा। उसने ट्रेड वार का रूख भारत की तरफ मोड़ दिया है। यह ही आज अखबारों की चर्चित खबर है। आर्थिक मोर्चे पर यह तगड़ा झटका क्या सरकार की विफलता नहीं है? बीजेपी सरकार में ही यह नामुमकिन मुमकिन क्यों हो पाया है? देश चिन्तित है, परन्तु बीजेपी बेखबर क्यों?
सरकार को तुरंत इन हालातों से निपटना चाहिए- अखिलेश
इससे पहले सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी सोशल मीडिया ट्विटर पर इस मामले को लेकर बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति भारतीय व्यापारिक हितों के ख़िलाफ़ जाकर प्रिफरेंशियल ट्रेड ट्रीटमेंट को ख़तरे में डाल रहे हैं। अखिलेश यादव ने आगे कहा कि सरकार को तुरंत इन हालातों से निपटना चाहिए। भाजपा की नीतियों से आंतरिक व्यापार पहले से ही चौपट है। अब अगर आयात-निर्यात भी प्रभावित हुआ तो अर्थव्यवस्था का क्या होगा।
Published on:
06 Mar 2019 04:13 pm
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