
मायावती की दबाव पॉलिटिक्स में फंसी कांग्रेस, लोकसभा चुनाव में कैसे होगा बेड़ापार
लखनऊ. 2019 के लोकसभा चुनाव में सपा-बसपा और कांग्रेस का गठबंधन होगा या नहीं, उत्तर प्रदेश की राजनीति में यह सबसे बड़ा सवाल बना हुआ है। एक तरफ तो अखिलेश यादव गठबंधन करने के लिए दो कदम पीछे जाने को भी तैयार हैं, तो वहीं मायावती ने सम्मानजनक सीटों की बात करके सपा और कांग्रेस दोनों की चिंता बढ़ा दी है। राजनीतिक जानकार मयावती की इस दबाव पॉलिटिक्स को दूसरे प्रदेशों में होने वाले विधानसभा चुनाव से जोड़कर देख रहे हैं। उनका मानना है कि मायावती उत्तर प्रदेश में अड़ियल रुख अपनाकर दूसरे प्रदेशों में कांग्रेस से सीटों को लेकर अच्छी डीलिंग करना चाहती हैं।
यूपी के बाहर मायावती की नजर
कर्नाटक विधानसभा चुनाव में मिली कामयाबी से गदगद बसपा सुप्रीमो मायावती अब मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में होने वाले विधानसभा चुनाव में भी अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराना चाहती हैं। अपनी इसी प्लानिंग के तहत मायावती इन तीनों प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनावों में कांग्रेस से सम्मानजक सीटें लेकर गठबंधन करना चाहती हैं। मायावती अपनी इसी रणनीति के तहत लोकसभा चुनाव में गठबंधन को लेकर कांग्रेस के खिलाफ बयानबाजी कर रही हैं, जिससे दबाव में आकर कांग्रेस इन तीनों राज्यों में ठीक-ठाक सीटों की हिस्सेदारी दे। मायावती के हर भाषण में बीजेपी के साथ कांग्रेस पर भी निशाना साधने को राजनीतिक पंडित इसी दबाव पॉलिटिक्स से जोड़कर देख रहे हैं।
कांग्रेस पर आक्रामक क्यों रहती हैं मायावती
आपको बता दें कि लोकसभा चुनाव में सपा और बसपा के एकसाथ लड़ने की घोषणा मायावती पहले ही कर चुकी हैं। यूपी में हुए उपचुनावों में मायावती तीन लोकसभा और एक विधानसभा सीट पर सपा का साथ भी निभा चुकी हैं। यही वजह है कि मायावती अपने भाषण में सपा पर तो कम ही टिप्पणी करती नजर आती हैं, जबकि कांग्रेस हर बार उनके निशाने पर रहती है। सूत्रों के मुताबिक यूपी में अखिलेश यादव पहले से ही कम सीटों के लिए तैयार हैं लेकिन कांग्रेस पर दवाब बनाकर मायावती दूसरे राज्यों में भी उससे तयकोड़ करना चाहती है।
कांग्रेस को यूपी में सुधारना है प्रदर्शन
आपको बता दें कि मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस-बसपा के गठबंधन की बात बीते काफी दिनों से चल रही है। लेकिन कांग्रेस लोकसभा चुनाव में यूपी में अपना प्रदर्शन सुधारना चाहती है। लेकिन सपा-बसपा गठबंधन के बाद अकेले चुनाव लड़ने पर कांग्रेस को ज्यादा कुछ हासिल नहीं होने वाला। इसी को देखते हुए मायावती लगातार कांग्रेस के खिलाफ बयानबाजी कर रही हैं। जिससे राजस्थान, एमपी और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस से हिस्सेदारी करके कुछ सीटें जीती जा सकें।
Published on:
19 Sept 2018 12:44 pm
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