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मायावती अमेरिकी न्यूज पेपर में भारत विरोधी विज्ञापन से चिंतित कहा, खंडन के साथ सही समाधान जरूरी

अमेरिकी अखबारों में छपने वाले भारत विरोधी विज्ञापनों को लेकर बसपा प्रमुख मायावती (Mayawati worried) ने चिंता जताई है। इसे लेकर भाजपा सरकारों पर बरसीं।    

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Mayawati worried : मायावती अमेरिकी न्यूज पेपर में भारत विरोधी विज्ञापन से चिंतित कहा, खंडन के साथ सही समाधान जरूरी

वैश्विक भुखमरी सूचकांक-2022 (Global Hunger Index-2022) की रैंकिंग सूची जारी की गई है। 121 देशों की इस सूची में भारत का 107वां स्थान है। विश्व संगठनों की भारत संबंधी निगेटिव रिपोर्ट और अमेरिकी अखबारों में छपने वाले भारत विरोधी विज्ञापनों को लेकर बसपा सुप्रीमो मायावती (Mayawati worried) ने चिंता जताई। इस लेकर भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने अलर्ट किया कि, इन खबरों का खंडन करने के साथ इसका समाधान भी जरूरी है। राज्य और केंद्र सरकार को सलाह देते हुए मायावती ने कहाकि, सही नीयत और नीति से काम करने की जरूरत है।

भारत-विरोधी विज्ञापन चिन्ताजनक

बसपा सुप्रीमो मायावती ने रविवार को अपने ट्वीट के जरिए भाजपा सरकारों को सचेत करते हुए लिखा कि, रुपए का अनवरत अवमूल्यन, विदेशी मुद्रा भण्डार में कमी, चरमराती अर्थव्यवस्था, बदतर भूख सूचकांक सहित विश्व संगठनों द्वारा भारत सम्बंधी निगेटिव रिपोर्ट के बीच अमेरिकी अखबार में भारत-विरोधी विज्ञापन आदि चिन्ताजनक हालात पैदा कर रहे हैं, जिसका खण्डन ही नहीं बल्कि सही समाधान भी जरूरी।

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भारत की वैश्विक इमेज हो रही है प्रभावित

मायावती ने आगे लिखा कि, बाबा साहेब डा भीमराव अम्बेडकर निर्मित भारत का कल्याणकारी, समतामूलक व मानवतावादी संविधान दुनिया के लिए आज भी आदर्श होने के बावजूद भारत की वैश्विक इमेज जिस प्रकार से प्रभावित हो रही है वह दुख व चिन्ता की बात है। केन्द्र एवं राज्य सरकारों को सही नीयत व नीति से काम करने की जरूरत।

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केंद्र सरकार कड़ा जवाब

वैश्विक भूख सूचकांक 2022 में भारत को 107वें स्थान पर रखने पर केंद्र सरकार ने कहा कि, यह एक राष्ट्र जो अपनी आबादी की खाद्य सुरक्षा और पोषण संबंधी आवश्यकताओं को पूरा नहीं करता है, के रूप में खराब किए जाने के निरंतर प्रयास का हिस्सा है।

वैश्विक भूख सूचकांक क्या है

वैश्विक भूख सूचकांक के तहत वैश्विक, क्षेत्रीय और राष्ट्रीय स्तरों पर भूख पर नजर रखी जाती है और उसकी गणना की जाती है। 29.1 अंकों के साथ भारत में भूख का स्तर ‘गंभीर’ है।