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माइटोकोन्ड्रियल रोगों पर केन्द्रित होगा CSIR-CDRI में आयोजित होने वाला माइटोकॉन्फ-2018

सोसाइटी फॉर माइटोकॉन्ड्रिया रिसर्च एंड मेडिसिन, भारत का 7वां अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन 28 से 30 नवंबर तक लखनऊ के सीएसआईआर-सीडीआरआई में आयोजित किया जा रहा है।

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लखनऊ

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Abhishek Gupta

Nov 28, 2018

Medical issues

Medical issues

लखनऊ. सोसाइटी फॉर माइटोकॉन्ड्रिया रिसर्च एंड मेडिसिन, भारत का 7वां अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन 28 से 30 नवंबर तक लखनऊ के सीएसआईआर-सीडीआरआई में आयोजित किया जा रहा है। माइटोकॉन्फ-2018 का उद्देश्य माइटोकॉन्ड्रिया, माइटोकॉन्ड्रियल रोग, उनकी रोकथाम, निदान और उपचार के मूल विज्ञान पर अनुसंधान को बढ़ावा देना है।

माइटोकॉन्ड्रियल रोग, माइटोकॉन्ड्रिया, जो कोशिका का ऊर्जा घर के नाम से भी जाना जाता है एवं हर कोशिका में मौजूद होता है, के सामान्य क्रियाकलापों में खराबी के कारण होते हैं। माइटोकॉन्ड्रिया जीवन को बनाए रखने और अंगों की कार्यप्रणाली को सुव्यवस्थित बनाए रखने के लिए शरीर द्वारा आवश्यक ऊर्जा का 90% से अधिक भाग तैयार करती है। जब इस कोशिकांग की कार्यप्रणाली अव्यवस्थित हो जाती है तो कोशिका के भीतर कम ऊर्जा उत्पन्न हो पाती है जिस से कोशिका की मृत्यु भी हो सकती है जिसके परिणाम स्वरूप उस उन कोशिकाओं से निर्मित वह अंग भी अपना कार्य करण बंद कर देता है। यदि यह प्रक्रिया शरीर में लंबे समय तक होती है तो पूरे अंग प्रणाली विफल होने लगती हैं। शरीर के हिस्सों, जैसे दिल, मस्तिष्क, मांसपेशियों और फेफड़ों, ऊर्जा की सबसे बड़ी मात्रा की आवश्यकता होती है जिस कारण ये सबसे अधिक प्रभावित होते हैं। माइटोकॉन्ड्रियल रोग निदान करना मुश्किल है, क्योंकि यह प्रत्येक व्यक्ति को अलग-अलग प्रभावित करता है। लक्षणों में दौरे, स्ट्रोक, विकास संबंधी देरी, चलने, बातचीत करने, देखने और अन्य जटिलताओं के साथ भोजन को पचाने में असमर्थता शामिल हो सकती है। यदि तीन या अधिक लक्षण दिखाई दें तो माइटोकॉन्ड्रियल बीमारी पर संदेह होना चाहिए।

माइटोकॉन्फ-2018, माइटोकॉन्ड्रियल जीवविज्ञान, माइटोकॉन्ड्रियल मेडिसिन में उभरती अवधारणाओं: वर्तमान स्थिति और भविष्य की संभावनाओं, माइटोकॉन्ड्रिया: एक चिकित्सकीय लक्ष्य रोग जीवविज्ञान, माइटोकॉन्ड्रिया और ड्रग डिस्कवरी आदि अत्याधुनिक अनुसंधान एवं संभावनाओं पर होने वाली प्रगति को संबोधित करेगा।

तीन दिवसीय कार्यक्रम के दौरान इनवेस्टिगेशनल बायोलॉजी, नैदानिक पहलुओं और अनुवादक बायोमेडिकल शोध की विशेषता वाले अंतरराष्ट्रीय / राष्ट्रीय स्टार के अनेक वैज्ञानिकों के आमंत्रित व्याख्यान, फ्लैश वार्ता और पोस्टर शामिल होंगे। माइटोकॉन्फ-2018 इन क्षेत्रों में औषधि अनुसंधान एवं विकास से जुड़ी चुनौतियों के आकलन के लिए एक साझा मंच प्रदान करेगा।