यूपी में जब बारिश की शरुआत होती थी तो मनरेगा का काम बंद कर दिया जाता था पर अब योगी सरकार में लगातार काम हो रहा है। इसका एक बड़ा सुबूत 5 अगस्त के आंकड़े हैं। जिसके तहत मनरेगा में 16 लाख 6000 मजदूरों ने पांच अगस्त को काम किया। सूबे में भारी पैमाने में अमृत सरोवरों का विकास हो रहा है। और अधिकतर मजदूरों को मनरेगा के तहत काम दिया गया है। शुक्रवार को मनरेगा मजदूरों की मजदूरी मद में भारत सरकार से 1900 करोड़ रुपए भेजें हैं।
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– सामग्री मद में अप्रैल-जुलाई तक 1950.53 करोड़ रुपए खर्च।
– वर्ष 2021-22 में सामग्री के मद में सिर्फ 666.49 करोड़ भुगतान।
– वर्ष 2021-22 में कुल 6596.37 करोड़ रुपए मजदूरी का भुगतान।
– वर्ष 2021-22 सामग्री मद में 1813.63 करोड़ रुपए का भुगतान।
प्रतिदिन करीब 27 करोड़ का खर्च अपर आयुक्त मनरेगा योगेश कुमार ने बताया कि, यूपी में मनरेगा के तहत प्रतिदिन मजदूरी में करीब 27 करोड़ रुपए खर्च होता है। पूरे साल में मनरेगा मजदूरी मद में 8500 करोड़ रुपए खर्च किए जाते हैं। परिवारों को 100 दिन काम देने का सबसे अधिक लाभ संबंधित परिवार के उस व्यक्ति को होता है जो अकेले 90 दिन काम कर लेता है। उन्हें श्रम विभाग की 15 योजनाओं का लाभ मिलने लगता है।
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– 100 दिन काम
उत्तर प्रदेश
– 34502
आंध्रप्रदेश
– 19908
राजस्थान
– 18401
मध्यप्रदेश
– 17927
बिहार
– 6302
झारखंड
– 1459