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रायबरेली सांसद सोनिया गांधी ने पीएम मोदी को लिखा पत्र, संसद के विशेष सत्र के लिए उठाये मुद्दे

Parliament Special Session: कांग्रेस ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि केंद्र ने एजेंडा साझा किए बिना संसद का विशेष सत्र बुलाया है। वहीं, कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर सत्र के लिए नौ मुद्दे उठाये हैं।

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लखनऊ

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Anand Shukla

Sep 06, 2023

MP Sonia Gandhi wrote a letter to PM Modi 9 issues for special session Parliament

सोनिया गांधी ने PM मोदी को खत में लिखकर कहा कि उम्मीद है आप मणिपुर और चीन के लिए भी वक्त निकाल लेंगे।

Parliament Special Session: उत्तर प्रदेश के रायबरेली लोकसभा से कांग्रेस सांसद सोनिया गांधी ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि केंद्र ने एजेंडा साझा किए बिना संसद का विशेष सत्र बुलाया है। सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर सत्र के लिए नौ मुद्दे उठाये हैं।

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने प्रेस कांफ्रेस करते हुए कहा, "सोनिया गांधी की अध्‍यक्षता में संसदीय रणनीति समूह की एक बैठक मंगलवार को हुई। इसमें संसद के विशेष सत्र के एजेंडे पर चर्चा करने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे भी शामिल हुए। बाद में खड़गे ने लोकसभा और राज्यसभा के सदन के नेताओं की बैठक बुलाई और सत्र के दौरान 'इंडिया' गठबंधन की रणनीति पर चर्चा की गई।''

उन्होंने कहा कि यह निर्णय लिया गया कि हम सत्र का बहिष्कार नहीं करेंगे क्योंकि यह हमारे लिए मुद्दों को उठाने का एक अवसर है। हम कोशिश करेंगे कि विभिन्न दल अलग- अलग मुद्दे उठाएं। उन्होंने आगे कहा कि यह भी निर्णय लिया गया कि सोनिया गांधी प्रधानमंत्री को पत्र लिखेंगी और 'इंडिया' गठबंधन की बैठक के दौरान जो भी चर्चा हुई है उससे उन्हें अवगत कराया जाएगा।

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने बताया कि सोनिया गांधी ने बुधवार सुबह प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखा है और नौ मुद्दे उठाए हैं जिन्हें हम संसद में उठाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि 18 सितंबर से संसद का विशेष सत्र अन्य राजनीतिक दलों के साथ किसी परामर्श के बिना बुलाया गया है। किसी को भी इसके एजेंडा के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है।

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सोनिया गांधी ने ये मुद्दे उठाए

1. सोनिया गांधी ने पत्र में लिखा है, "हम निश्चित रूप से विशेष सत्र में भाग लेना चाहते हैं क्योंकि इससे हमें सार्वजनिक चिंता और महत्व के मामलों को उठाने का मौका मिलेगा। मुझे पूरी उम्मीद है कि इन मुद्दों पर चर्चा और बहस उचित नियमों के तहत समय आवंटित किया जाएगा।"

आर्थिक स्थिति का मुद्दा
सोनिया गांधी ने कहा कि वह वर्तमान आर्थिक स्थिति का मुद्दा सदन में उठाना चाहती हैं जिनमें आवश्यक वस्तुओं की बढ़ती कीमतें, बढ़ती बेरोजगारी, बढ़ती असमानता और एमएसएमई का संकट, भारत सरकार द्वारा न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य को लेकर किसानों और किसान संगठनों के प्रति की गई प्रतिबद्धता और उनकी अन्‍य मांगों तथा अडाणी समूह के लेनदेन पर संयुक्‍त संसदीय समिति की मांग शामिल है।

अन्य पांच मांगों को सूचीबद्ध करते हुए, उन्होंने कहा कि मणिपुर के लोगों की निरंतर पीड़ा और राज्य में संवैधानिक मशीनरी और सामाजिक सद्भाव का टूटना, हरियाणा तथा अन्‍य राज्यों में सांप्रदायिक तनाव में वृद्धि, चीन द्वारा भारतीय क्षेत्र पर लगातार कब्जा और लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश में सीमाओं पर हमारी संप्रभुता के लिए चुनौतियों पर भी चर्चा की आवश्‍यकता है।

जाति जनगणना मुद्दे को उठाया
उन्होंने कहा, "जाति जनगणना की तत्काल आवश्यकता है। केंद्र- राज्य संबंधों को नुकसान हो रहा है। कुछ राज्यों में अत्यधिक बाढ़ और अन्य में सूखे के कारण प्राकृतिक आपदाओं का प्रभाव है।" सोनिया गांधी ने अपने पत्र में उम्मीद जताई कि ''रचनात्मक सहयोग की भावना से'' इन मुद्दों को आगामी विशेष सत्र में उठाया जाएगा। रमेश ने यह भी कहा कि तमिलनाडु का नीट, महाराष्ट्र का आरक्षण मुद्दा जैसे राज्यों के कई मुद्दों का जिक्र भी पत्र में किया गया है।


उन्‍होंने ने कहा, "हमें उम्मीद है कि हमें सरकार से जवाब मिलेगा और संसद का सत्र केवल सरकारी कामकाज पर नहीं होना चाहिए जो दुर्भाग्यपूर्ण है।" इस सवाल पर कि पीएम मोदी ने कहा है कि वह अगले साल आम चुनाव में फिर से चुने जाएंगे, रमेश ने कहा, "प्रधानमंत्री घबरा गए हैं और वह अत्यधिक थकान में हैं। उनके सभी कार्य मृत एनडीए को पुनर्जीवित करने पर केंद्रित है, 'इंडिया' गठबंधन के गठन पर उनकी प्रतिक्रिया और विशेष सत्र बुलाने के एकतरफा फैसले से पता चलता है कि वह घबरा गए हैं।''

रमेश ने कहा, "बिहार के पटना, कर्नाटक के बेंगलुरु और महाराष्ट्र की मुंबई बैठक के बाद वह घबरा गए हैं और उनकी थकान और घबराहट साफ दिखाई दे रही है।"

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