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भू-माफियाओं पर सीएम योगी का ‘जीरो टाॅलरेंस‘ जारी, मुख्तार अंसारी के अवैध निर्माण पर चला बुलडोजर, जानें पूरी कहानी

- करोड़ों की ‘निष्क्रांत संपत्ति‘ पर था अवैध कब्जा - लखनऊ के डालीबाग में बने थे अवैध टाॅवर

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लखनऊ

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Abhishek Gupta

Aug 27, 2020

Mukhtar Ansari

Mukhtar Ansari

लखनऊ. सीएम योगी ने प्रदेश की बागडोर संभालते ही अपराध, अपराधियों और भू-माफियाओं के खिलाफ ‘जीरो टाॅलरेंस‘ के तहत जिस अभियान की शुरुआत की थी, वह निरन्तर जारी है। एक-एक भू-माफियाओं को चिन्हित कर उनके विरुद्ध प्रभावी कार्यवाही की जा रही है। सरकारी और निजी संपत्ति पर अवैध कब्जा करने वाले माफियाओं पर कार्रवाई होने से आमजन के मन में सुरक्षा की भावना बढ़ी है। अपराध पर ‘जीरो टाॅलरेंस‘ के इसी अभियान के तहत करोड़ों की ‘निष्क्रांत सम्पत्ति’ पर अवैध कब्जा करने वाले दुर्दान्त माफिया सरगना मुख्तार अंसारी के अवैध निर्माण जमींदोज किये गये हैं। जिला प्रशासन और लखनऊ विकास प्राधिकरण ने ‘निष्क्रांत सम्पत्ति‘ पर बगैर मानचित्र स्वीकृत कराये यह अवैध निर्माण कराया गया था।

नोटिस के बावजूद नहीं हटाया निर्माण-

राजधानी के थाना क्षेत्र हजरतगंज की डालीबाग कॉलोनी के ग्रैंडियर अपार्टमेंट-10 के निकट स्थित मस्जिद से लगी हुई एलडीए की भूमि पर माफिया सरगना मुख्तार अंसारी ने अवैध कब्जा किया था। इस जमीन पर दो आवासीय टाॅवरों का निर्माण था। लखनऊ विकास प्राधिकरण प्रबंध तंत्र द्वारा कई बार नोटिस देने के बावजूद अवैध कब्जाधारकों ने यह अवैध निर्माण नहीं हटाया गया।

इनके नाम पर थे भवन-

जिला प्रशासन और एलडीए तंत्र ने पुलिस बल की मौजूदगी में इस अवैध निर्माण के ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की। मुख्तार अंसारी के अवैध कब्जे को खाली कराने के लिए 250 से अधिक पुलिसकर्मी और 20 से अधिक जेसीबी लगी। ध्वस्त किये गये दोनों भवन पहले मुख्तार अंसारी की मां राबिया अंसारी के नाम थे। राबिया अंसारी के बाद यह संपत्ति मुख्तार के बेटे अब्बास व उमर अंसारी के नाम आ गयी थी।

धारा-27 के तहत की गई कार्रवाई-

लखनऊ विकास प्राधिकरण के संयुक्त सचिव ऋतु सुहास ने बताया कि नगर विकास अधिनियम की धारा-27 के तहत कार्रवाई की गई है। 11 अगस्त को ध्वस्तीकरण का आदेश जारी किया गया था। अवैध कब्जा धारकों के खिलाफ जिला प्रशासन ने एफआईआर भी कराया था। बार-बार नोटिस जारी किये गये, लेकिन अवैध निर्माण नहीं हटाया गया। इस पर विकास प्राधिकरण के नियमावली के तहत ध्वस्तीकरण ही कार्रवाई की गई। इसलिए इस अवैध निर्माण को गिराने का खर्च भी अवैध कब्जाधारकों से वसूला जाएगा।

पिछले माह किया था बेसमेंट को सील-

गौरतलब है कि बाहुबली और माफियाओं की बेनामी संपत्तियों की जांच में जुटे अधिकारियों ने पहली बार मुख्तार अंसारी के परिवारों की अवैध संम्पतियों पर शिकंजा कसा है। हजरतगंज व उससे जुड़े इलाकों की 19 संपत्तियों में अब मुख्तार को खंगाला जा रहा है। इसमें बारह संपत्तियां हजरतगंज-रामतीर्थ वार्ड और नौ संपत्तियां राजा राममोहन राय वार्ड में हैं। एलडीए ने पिछले माह लालबाग में मुख्तार अंसारी से जुड़े एक अवैध निर्माण के बेसमेंट को सील कर दिया था।

वसूला जाएगा किराया-
सूत्रों की मानें तो ‘निष्क्रांत संपत्ति‘ पर अवैध कब्जा करने की अवधि का प्रशासन किराया वसूलेगा। ताकि भविष्य में यह नजीर बन सके। साथ ही सरकारी व निजी संपत्ति सहित ‘निष्क्रांत संपत्ति‘ और ‘शत्रु संपत्ति‘ पर कोई दोबारा अवैध कब्जा करने की हिम्मत न करे।

संबंधित अधिकारियों पर होगा मुकदमा-
जिला प्रशासन और प्राधिकरण तंत्र ने मुख्तार अंसारी के जिस अवैध निर्माण पर बुलडोजर चलवाया है, उसका निर्माण जब हुआ था उस समय तैनात रहे संबंधित अधिकारियों व कर्मचारियों पर भी मुकदमा कायम कराया जाएगा। इतना ही नहीं अवैध कब्जे धारकों से बिल्डिंग ढहाने पर आए खर्च की भी वसूली की जायेगी।

यह है निष्क्रांत सम्पत्ति-
‘निष्क्रांत संपत्ति यानी ऐसी संपत्ति जिनके स्वामी वर्ष 1956 में भारत से पाकिस्तान चले गये थे। वहीं इस अवधि के बाद जो लोग भारत से पाकिस्तान गये, वह संपत्तियां ‘शत्रु संपत्ति‘ के रूप में पहचानी जाती हैं। ऐसी संपत्तियां राज्य के अधिकार क्षेत्र में हैं।

एंटी भू-माफिया की व्यवस्था से व्यापक बदलाव-
सूबे में सरकार बनते ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हर जिले में एंटी भू-माफिया स्क्वायड बनाने का निर्देश दिया। इस पर संबंधित जनपदों के डीएम की अध्यक्षता में जिला स्तरीय भू-माफिया स्क्वायड गठित किये गये। साथ ही अवैध कब्जे के प्रकरणों में आमजन को अपनी शिकायत सुगमतापूर्वक दर्ज कराने, शिकायत पर हुई कार्यवाही की जानकारी प्राप्त करने, अपना फीडबैक एवं सुझाव देने व वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा इन शिकायतों पर की गयी कार्यवाही का सतत् अनुश्रवण किये जाने के उद्देश्य से इस ‘एन्टी भू-माफिया पोर्टल’ भी विकसित किया गया है।