मुलायम सिंह यादव 90 के दशक में देश के सबसे ताकतवर नेताओं में शुमार थे। एक समय ऐसा भी आया जब उनका PM बनना तकरीबन तय माना जा रहा था । तभी लालू प्रसाद यादव ने अड़ंगा लगा दिया।
मुलायम सिंह यादव केंद्र में मंत्री रहे और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री भी रहे। 1996 में मुलायम सिंह यादव PM भी बन सकते थे। उनका ये सपना लालू प्रसाद यादव की वजह से सच नहीं हो सका। इसको खुद मुलायम सिंह ने भी कहा था।
1996 में PM पद के लिए आया था मुलायम सिंह का नाम
1996 के लोकसभा चुनाव में किसी को भी बहुमत नहीं मिला था। BJP को 161 सीटें मिली और अटल बिहारी वाजपेयी ने सरकार बनाई। सरकार सिर्फ 13 दिन में गिर गई।
इसके बाद मिली जुली सरकार बनाने की कोशिश शुरू हुई। लेफ्ट के बड़े नेता हर किशन सिंह सुरजीत ने मुलायम सिंह यादव का नाम PM पद के लिए चलाया। मुलायम सिंह के नाम पर तकरीबन सभी दल तैयार हो गए।
जो बड़े नेता मुलायम सिंह के PM बनने के खिलाफ खड़े हो गए, वो थे लालू प्रसाद यादव। लालू यादव के विरोध के चलते मुलायम सिंह ने अपना नाम वापस ले लिया। इसके बाद आईके गुजराल पीएम बने।
मुलायम सिंह ने कहा- लालू यादव ने नहीं बनने दिया पीएम
मुलायम सिंह ने 1997 में एक इंटरव्यू दिया था। रक्षा मंत्री रहते हुए रजतद शर्मा को दिए इंटरव्यू में उनसे पीएम ना बन पाने को लेकर सवाल किया गया था।
रजत शर्मा ने सवाल किया था कि जब आपको प्रधानमंत्री बनाने का मौका आया तो कोई आपके साथ खड़ा नहीं हुआ। इस पर मुलायम सिंह ने कहा कि हमारा तो स्पष्ट बहुमत था। हम संयुक्त मोर्चा को कमजोर नहीं करना चाहते थे। इसलिए हमने नाम वापस ले लिया।
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मुलायम सिंह ने आगे कहा कि एक-दो हमें प्रधानमंत्री नहीं चाहते थे। रजत शर्मा ने पूछा कि विरोध करने वाले कौन थे। इस परह मुलायम सिंह ने कहा, ''पीएम के लिए हमारे नाम का विरोध करने वाले लालू प्रसाद यादव थे, ये तो सारा देश जानता है।''