2022 विधानसभा चुनाव से पहले मुलायम सिंह यादव की छोटी अर्पणा यादव सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) से मनमुटाव के चलते बीजेपी (BJP) में शामिल हुई थी। तभी से माना जाने लगा कि बीजेपी ने उन्हें पार्टी में कोई बड़ी जिम्मेदारी दे सकती है, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। विधानसभा चुनाव के समय कहा जाने लगा था कि अर्पणा यादव लखनऊ कैंट या बाराबंकी से विधानसभा चुनाव लड़ सकती है। लेकिन बीजेपी ने उन्हें टिकट ही नहीं दिया।
बताया जा रहा है कि बीजेपी यादव परिवार की छोटी बहु अर्पणा यादव को बदायूं से लोकसभा चुनाव लड़ा सकती है। बदायूं से वर्तमान में संघमित्रा मौर्या बीजेपी से सांसद हैं। 2019 लोकसभा चुनाव में इस सीट पर संघमित्रा ने मुलायम सिंह यादव परिवार के धर्मेंद्र यादव को हराकर कमल खिला दिया था। संघमित्रा स्वामी प्रसाद मौर्य की बेटी हैं। उनके पिता उस समय भारतीय जनता पार्टी में थे और स्वामी प्रसाद मौर्य बीजेपी से अपनी बेटी को टिकट दिलवाने में सफल रहे थे।
2022 विधानसभा चुनाव से पहले स्थितियां बदलीं, और मौर्य अपने समर्थकों के साथ सपा में शामिल हो गए थे। उस समय यह दावा भी किया कि आने वाले दिनों में वह बीजेपी का सफाया कर देंगे। तब संघमित्रा के एक दो बयान अपने पिता के पक्ष में जरूर आए थे। स्वामी प्रसाद मौर्य विधानसभा चुनाव लड़े, लेकिन खुद बुरी तरह से हार गए। इसके बाद से संघमित्रा ने अपने कदम वापस खींचे और उन्होंने पिता के बजाय पार्टी के पक्ष में बयान दिए। पार्टी के हर कार्यक्रम में जाती हैं।
19 लाख वोटरों वाले बदायूं में सबसे ज्यादा ज्यादा वोटर यादव बिरादरी के हैं। इनकी संख्या करीब चार लाख बताई जाती है। तीन लाख 75 हजार मुस्लिम वोटर भी यहां चुनाव में राजनीतिक दलों का खेल बनाने ओर बिगाड़ने में अहम भूमिका निभाते हैं। इसके अलावा दो लाख 28 हजार गैर यादव ओबीसी वोटर, एक लाख 75 हजार अनुसूचित जाति, एक लाख 25 हजार वैश्य और ब्राह्मण वोटर हैं।