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लखनऊ

जुबान से तीखे, लेकिन दिल से हमेशा शायर… ये है मुनव्वर राना के विवादों की कहानी

Munawwar Rana: मशहूर शायर मुनव्वर राना का रविवार देर रात दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वह पिछले कई दिनों से लखनऊ के पीजीआई में भर्ती थे। उन्हें किडनी व हृदय रोग से संबंधित समस्या थी। उनका विवादों से पुराना नाता रहा। आइए जानते हैं उनसे जुड़े कुछ विवादों के बारे में….

लखनऊJan 15, 2024 / 08:55 am

Aman Pandey

munawwar rana passed away his life association with controversies
Munawwar Rana: मुनव्वर राना ने 71 साल की उम्र में इस दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया। पिछले कई दिनों से बीमार चल रहे राना की तबीयत को लेकर पूरा देश चिंतित था। साहित्य समाज भी उनके जल्द स्वस्थ्य होने की कामना कर रहा था, लेकिन रविवार देर रात उन्होंने अंतिम सांसा लीं। उनका जाना पूरे साहित्य समाज में एक शून्य पैदा कर गया है, हर कोई गमजदा है।
ये थे मुन्‍न्वर राना के गुरु

मुनव्वर राना का जन्म 26 नवंबर, 1952 को रायबरेली में हुआ था। उनके जीवन के बचपन से लेकर जवानी के कई साल कोलकाता में बीते। कोलकाता में रहते हुए वे अपने पहले और उनकी जिंदगी पर सबसे ज्यादा असर डालने वाले गुरु अब्बास अली खान बेखुद से मिले। उनकी शिक्षा और अपने जुनून के दम पर मुनव्वर ने शायरी की दुनिया में कदम रखा। उनकी शायरी कभी भी पढ़ने-समझने में मुश्किल नहीं रही।
युवाओं में सबसे ज्यादा लोकप्रिय हैं राना की शायरियां

उनका एक ऐसा अनोखा स्टाइल था जहां उन्होंने अपनी शायरियों में फारसी और अरबी के शब्दों का इस्तेमाल नहीं किया। माना जाता है कि युवाओं के बीच में अपनी पैठ आसानी से बनाने के लिए मुनव्वर राना ने ऐसा किया था। अब जब उनके पूरे जीवन को देखते हैं, कहना गलत नहीं होगा कि आज युवाओं के बीच में ही राना की शायरियां सबसे ज्यादा लोकप्रिय हैं। मां को लेकर तो उनकी अनेक शायरियां लोगों की जुबान पर अमर हो चुकी हैं।
सामाज पर छाप छोड़ते था मुन्‍नवर राना

किसी को घर मिला हिस्से में या कोई दुकान आई, मैं घर में सब से छोटा था मिरे हिस्से में मां आई… मुनव्वर राना का ये शेर सही मायनों में अमर हो चुका है। नजाने कितनी कितनी, कितनी जगह इसी शेर के सहारे लोगों ने अपनी भावनाओं व्यक्त करने का काम किया है। ये मुनव्वर के कलम की ताकत थी कि वे दिल से जो भी लिख जाते थे, उसका समाज पर गहरा असर रहता था। उनकी शेरों-शायरी के लिए ऐसी दीवानगी देखने को मिलती थी कि कई मुलकों में उनके सफल कार्यक्रम हुए। वहां भी हिंदी और अवधी का एक ऐसा तालमेल वे बैठाते थे कि शायरों की भीड़ में भी उनकी पहचान हमेशा अलग रहती थी।

विवादों से कई बार मुश्किल में पड़े

उनके विचारों से कोई कभी सहमत होता या ना होता, लेकिन उनकी शायरियों के प्रति सभी हमेशा वफादार रहे। अब विचारों की बात कर ही दी है, तो ये समझना भी जरूरी है कि मुनव्वर राना अपनी तीखी जुबान के लिए प्रचलित थे। उनका विवादों के साथ एक ऐसा नाता था जो कभी खत्म नहीं हुआ। विवादित बयानों की उनकी एक अपनी सूची रही जिसने उन्हें कई बार मुश्किलों में डाला।
मुन्‍नवर पर दर्ज हई था FIR

फ्रांस में जब धर्म को आधार बनाकर एक स्टूडेंट ने ही अपनी टीचर की गला रेतकर हत्या कर दी थी, पूरी दुनिया में उबाल था। हर कोई परेशान था, लेकिन मुनव्वर राना ने उस आरोपी स्टूडेंट को ही बचाने का काम किया। उन्होंने कह दिया था कि अगर मजहब मां समान है, तो अगर कोई उस पर कार्टून बनाता है, उसका मजाक बनाता है, गाली देता है, उस स्थिति में कोई भी मजबूर हो सकता है। उस बयान की वजह से उनके खिलाफ FIR दर्ज हुई थी।
किसान आंदोलन पर लिखे शेर पर भी हुआ विवाद

इसी तरह किसान आंदोलन के दौरान भी उनका एक ट्वीट चर्चा का विषय बन गया था। उन्होंने शायराना अंदाज में कह दिया था कि संसद को गिरा खेत बना देना चाहिए और सारे गोदामों में आग लगा देनी चाहिए। उनकी तरफ से उस ट्वीट को डिलीट जरूर किया गया था, लेकिन तब तक विवाद छिड़ चुका था। जब देश में सीएए कानून को लेकर हिंसक प्रदर्शन हो रहे थे, राना ने यूपी सरकार पर हमला करते हुए कहा था कि उन्हें यहां रहने में डर लगने लगा है। बीजेपी देश को हिंदू राष्ट्र बनाना चाहती है।
वापस कर दिया था अवॉर्ड

मां पर कई रचनाएं लिखने वाले मशहूर शायर मुनव्वर राना को साल 2014 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से नवाजा गया था। हालांकि, असहिष्णुता बढ़ने का आरोप लगाते हुए साल 2015 में इस अवॉर्ड वापस कर दिया था।
जस्टिस रंजन गोगोई पर उठाया था सवाल

राम मंदिर पर फैसला आने के बाद मुनव्वर राना ने पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई पर सवाल उठा दिया था। राना का कहना था कि इस मामले में कहीं न कहीं हिंदुओं का पक्ष लिया गया।
मंजर भोपाली ने दिया था अपने घर रहने का न्योता

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव-2022 के ऐलान के बाद शायर मुनव्वर राना ने कहा था कि अगर योगी आदित्यनाथ दोबारा मुख्यमंत्री बनते हैं तो वे यूपी छोड़ देंगे। इसके बाद मशहूर शायर मंजर भोपाली ने मुनव्वर राना मध्य प्रदेश आने का न्योता दिया था। भोपाली ने सोशल मीडिया पर लिखा था कि मुनव्वर भाई भोपाल में आपके लिए घर हाजिर है, लेकिन यहां कम ही बोलिए ज्यादा बोलना आपके लिए नुकसानदायक साबित हुआ।
तो कुछ ऐसे ही थे मुनव्वर राना जिन्होंने एक तरफ अपनी शायरियों से सही मायनों में मां का मतलब बताया, तो वहीं तल्ख टिप्पणियों से सियासी गलियारों में भी समय-समय पर अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई।

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