
मेयर की 17सीटों में 164 की हुई जमानत जब्त
नगर निकाय चुनाव के 17 मेयर पदों पर चुनावी मैदान में उतरें 164 प्रत्याशी अपनी जमानत तक नहीं बचा पाए। अगर जीते हुए उम्मीदवारों को छोड़ दें तो सिर्फ 15 कैंडिडेट ऐसे रहे जिनकी जमानत बच सकी। मेरठ नगर निगम ऐसा है जहां पर हारे हुए दो उम्मीदवारों की जमानत बच पाई है।
गाजियाबाद में सभी 11 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई। इसी तरह झांसी में सभी 5 की, मथुरा में सभी 7 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई। वहीं मेरठ में एआईएमआईएम और सपा को छोड़कर बाकी 12 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई।
मुरादाबाद में कांग्रेस को छोड़कर 10 की हुई जमानत जब्त
सहारनपुर में बसपा को छोड़कर 6 की, शाहजहांपुर में कांग्रेस को छोड़कर 6 की, लखनऊ में सपा को छोड़कर 11 की, कानपुर नगर में सपा को छोड़कर 11 की, वाराणसी में सपा को छोड़कर 9 उम्मीदवारों की जमानत राशि जब्त हो गई। फिरोजाबाद में सपा को छोड़कर 9 की, बरेली में निर्दलीय सपा समर्थित को छोड़कर 11 की, मुरादाबाद में कांग्रेस को छोड़कर 10 की जमानत जब्त हो गई।
इसी तरह अयोध्या में सपा के उम्मीदवार को अन्य सात उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई। अलीगढ़ में बसपा को छोड़कर 8 उम्मीदवारों की, प्रयागराज में सपा को छोड़कर 19 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई।
कैसे होती है जमानत राशि जब्त?
प्रत्येक उम्मीदवार नामांकन पत्र के साथ एक निर्धारित रकम जमानत के तौर पर जमा करता है। यदि कोई प्रत्याशी कुल पड़े वैध मतों का 1/6 यानी कुल 16.66 प्रतिशत हिस्सा हासिल नहीं कर पाता तो उसकी जमानत राशि जब्त कर ली जाती है। हालांकि नामांकन रद्द होने या वापस होने की स्थिति में जमानत राशि लौटा दी जाती है। यदि उम्मीदवार की चुनाव से पहले मौत हो जाए तो भी उसके परिजनों को यह राशि लौटाने का प्रावधान है।
इस बार जमानत राशि
नगरीय निकाय चुनाव में महापौर पद के लिए सामान्य श्रेणी के उम्मीदवार के लिए जमानत राशि 12,000 रुपये, पार्षद के लिए 2500 रुपये तय की गई है। एससीएसटी, महिला व ओबीसी वर्ग के लिए महापौर पद पर जमानत राशि 6000 रुपये और पार्षद के 1250 रुपये तय की गई है।
Updated on:
15 May 2023 03:22 pm
Published on:
15 May 2023 03:17 pm
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