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रोडवेज की 194 बसों की दिल्ली में नो एंट्री, चरमरा जाएगी यातायात व्यवस्था

crisis of roadways buses:रोडवेज की 194 बसों की दिल्ली में नो एंट्री हो गई है। बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए ये निर्णय लिया गया है। इस निर्णय के कारण राज्य में परिवहन व्यवस्था पर गहरा असर पड़ना तय माना जा रहा है। इससे यात्रियों को भी तमाम परेशानियां उठानी पड़ सकती हैं।

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लखनऊ

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Naveen Bhatt

Nov 17, 2024

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रोडवेज की 194 बसों की दिल्ली में नो एंट्री हो गई है

crisis of roadways buses:रोडवेज की 194 बीएस-4 बसों की दिल्ली में एंट्री बंद हो गई है। उत्तराखंड परिवहन निगम की दिल्ली रूट की 194 बसें बंद होने से यात्रियों को तमाम परेशानियां उठानी पड़ सकती हैं। गढ़वाल और कुमाऊं से रोजाना 400 से ज्यादा बसें दिल्ली रूट पर चलती हैं। अब देहरादून, ऋषिकेश, कोटद्वार, हरिद्वार और कुमाऊं मंडल से चलने वाली 194 बसों का दिल्ली में प्रवेश बंद हो गया है। दरअसल, दिल्ली सरकार ने बीएस-4 बसों की एंट्री शुक्रवार को बंद कर दी थी। इसके बावजूद उत्तराखंड से शनिवार को बीएस-4 बसें भेजी गईं। शनिवार को दिल्ली में दो बसों के चालान हुए। सूचना मिलने पर मुख्यालय ने बीएस-4 बसों को दिल्ली नहीं भेजने के निर्देश दिए।

केवल 269 बसें ही जाएंगी दिल्ली

उत्तराखंड की 269 बसें ही अब दिल्ली जा पाएंगी। इनमें 180 सीएनजी, 12 बीएस-6 वॉल्वो, 77 नई बीएस-6 साधारण बसें हैं। 53 नई बसें भी आने वाली हैं। यह बसें एक सप्ताह के भीतर सड़क पर उतरेंगी। कुमाऊं मंडल से दिल्ली रूट पर चलने वाली 85 बसें भी शामिल हैं, जिनकी दिल्ली में अब नो एंट्री हो गई है। इससे दूरस्थ पर्वतीय इलाकों के यात्रियों को तमाम परेशानियां उठानी पड़ सकती हैं। बसों के लिए अब मारामारी का माहौल पैदा होगा।

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रोजाना 30 लाख तक का नुकसान होगा 

उत्तराखंड रोडवेज का दिल्ली सबसे प्राइम रूट है। इसी रूट पर 60 फीसद से ज्यादा की कमाई रोडवेज की होती है। दिल्ली में बीएस-4 की बसें बंद होने से उत्तराखंड रोडवेज को रोजाना औसतन 30 लाख रुपये का तक नुकसान होने का अनुमान है। हालांकि, रोडवेज के अधिकारियों का कहना है कि दिल्ली रूट से जो बसें हटेंगी उनको उत्तराखंड के भीतर और दूसरे राज्यों में चलाया जाएगा। बसें हटने से दिल्ली जाने वाले यात्रियों को परेशानियां उठानी पड़ सकती हैं।