
Now Medicines in Low Price New Guidelines Medical Stores
अब दवाइयों की कीमतों में राहत मिलने वाली है। ड्रग विभाग ने स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा विभाग में तैनात डॉक्टरों को ब्रांड नेम की जगह सॉल्ट नेम से दवाएं लिखने की एडवाइजरी जारी की है ताकि मरीज और आमजन जनऔषधि केंद्रों के साथ जेनरिक मेडिकल स्टोरों से सस्ती दवाएं खरीद सकें। क्लीनिकों में खुले मेडिकल स्टोरों पर जल्द ही शिकंजा कसा जाएगा। वहां पर अलग-अलग ब्रांड के नाम से बेची जा रही दवाओं की शिकायतें मिली हैं। इसे नियंत्रित करने के लिए सुझाव दिए जाएंगे। उत्तर प्रदेश के औषधि नियंत्रक, खाद्य सुरक्षा एवं प्रशासन के एके जैन द्वारा बताया गया।
इस योजना पर होगी काम
उत्तर प्रदेश के औषधि नियंत्रक, खाद्य सुरक्षा एवं प्रशासन के मुताबिक, आवश्यक और जीवनरक्षक दवाओं को आम लोगों तक पहुंचाने के लिए एनपीपीए कार्य कर रहा है। उसी कड़ी में सेमिनार हो रहे हैं, इसके माध्यम से दवा कारोबारियों को जागरूक किया जाएगा। साथ जनता को भी बताया जा रहा है कि वे दवा खरीदने से पहले क्या देखे। एनपीपीए की वेबसाइट पर जाकर दवा का मूल्य भी देख सकते हैं, उसी के हिसाब से दवा के चेक कर दवा खरीदें।
दवाओं पर होगा मूल्य नियंत्रण
फुटकर व्यापार मंडल के चेयरमैन संजय मेहरोत्रा ने कहा कि अब 886 दवाओं और उपकरणों का मूल्य नियंत्रण एनपीपीए ने किया है। इसमें और सुधार की जरूरत है। थोक व्यापार मंडल के अध्यक्ष राजेंद्र सैनी ने कहा कि हर राज्य में दवाओं की निगरानी को पीएमआरयू बन गया है, इसके विस्तार की जरूरत है। सह आयुक्त ड्रग बृजेश यादव ने कहा कि ड्रग विभाग दवाओं के मूल्य नियंत्रण पर काम कर रहा है, और काम की जरूरत है।
Updated on:
21 May 2022 05:31 pm
Published on:
21 May 2022 05:28 pm
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