
Yogi
लखनऊ. यूपी के युवाओं को रोजगार के बेहतर और अधिक अवसर प्रदान कराने के लिए व उनमें उद्यमिता विकसित किए जाने के मकसद से लोकभवन में 'कौशल सतरंग' कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। इस मौके पर सीएम योगी ने कहा कि 'कौशल सतरंग' के 7 घटकों को एक साथ मिलाकर उत्तर प्रदेश के युवाओं के रोजगार, स्वरोजगार और स्वावलंबन के लिए आज का यह प्रयास प्रदेश की युवा ऊर्जा को समर्पित है। उन्होंने कहा कि हर कार्य को करने का अपना एक दृष्टिकोण होना चाहिए और वह दृष्टिकोण जब सकारात्मक होता है, तो उसके परिणाम भी सकारात्मक होते हैं। प्रत्येक व्यक्ति को जीवन में एक अवसर मिलता है, लेकिन अवसर के पहले चुनौती होती है। चुनौती को अवसर में बदलने की कला जिसे आ जाए, वह सफल होता है। हमारी 'युवा ऊर्जा', उत्तर प्रदेश जैसे राज्य के लिए अत्यंत महत्त्वपूर्ण है। इस दौरान उन्होंने विभिन्न जिलों में परंपरागत उद्दम के माध्यम से यूपी को देश में सर्वोत्तम प्रदेश बनाने का दावा किया। 'वन डिस्ट्रिक्त वन प्रोडक्ट' योजना को आगे ले जाने की बात कही। सीएम योगी ने कहा कि 'कौशल सतरंग' के अंतर्गत मुख्यमंत्री उद्यमिता विकास के कार्यक्रम द्वारा हर जनपद को 'युवा हब' के रूप में विकसित किया जाएगा। जिससे प्रथम चरण में 30,000 से अधिक 'स्टार्ट अप' तैयार करने हैं। 'मुख्यमंत्री अप्रेंटिसशिप योजना' के अंतर्गत युवाओं को किसी उद्यम से अप्रेंटिसशिप द्वारा जुड़ने पर भारत सरकार द्वारा 1,500 व उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 1,000 रुपए युवा को दिए जाएंगे। इसी के साथ ही उन्होंने किसानों को प्रति गोवंश को पालने के लिए 900 रुपए प्रतिमाह देने का ऐलान किया। ऐसे में यदि किसी ने 100 गायों का पाला तो सीधे-सीधे 90000 रुपए मिलने की उम्मीद है। गायों के प्रति सीएम योगी के प्रेम किसी से छुपा नहीं है। इससे पूर्व आवारा गायों को ढूंढकर लाने के लिए भी योगी सरकार 2000 रुपए प्रति गाय देने का ऐलान कर चुकी है।
900 रुपए प्रतिमाह प्रति गोवंश-
सीएम योगी ने बताया कि सरकार ने गोवंशों की ईयर टैगिंग की योजना आरंभ की है। जिसमें किसानों के साथ जोड़ते हुए हमने तय किया कि कोई किसान यदि किसी निराश्रित गोवंश का अपने घर में पालन करेगा तो उन्हें 900 रुपए प्रतिमाह प्रति गोवंश के लिए दिए जाएंगे। इसके अंतर्गत लगभग 50,000 गोवंश, किसान परिवारों को उपलब्ध कराए गए हैं। निराश्रित गोवंश के लिए चलाई गई 'निराश्रित गोवंश आश्रय स्थल योजना' के अंतर्गत आज साढ़े चार लाख गोवंश इन आश्रय स्थलों में हैं।
75 में से 57 जिले में अपने परंपरागत उद्यम-
सीएम योगी ने कहा कि 'कौशल सतरंग' योजना, प्रदेश की युवा ऊर्जा को स्वावलंबन व प्रदेश के विकास के साथ जोड़ने का एक अभिनव प्रयास है। इसका कारण था कि उस समय प्रदेश में प्रत्येक जनपद के पास सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम थे और हमारे उद्यमियों के पास हुनर था। उत्तर प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय 1947 से 1950 तक भारत की प्रति व्यक्ति आय से अधिक थी। यानी उत्तर प्रदेश देश के किसी भी अन्य राज्य की तुलना में अधिक समृद्ध था और प्रदेश के नागरिक खुशहाल थे। इसके उपरांत, हमने सूक्ष्य, लघु एवं मध्यम उद्यम एवं निर्यात प्रोत्साहन विभाग से प्रदेश के परंपरागत उद्यमों की मैपिंग करने को कहा, जिसके परिणाम अद्भुत थे।75 में से 57 जिले बहुत समृद्ध थे जिनके पास अपने परंपरागत उद्यम मौजूद थे।
आम बजट में उ.प्र. की 'एक जनपद-एक उत्पाद' को हर प्रदेश में किया लागू-
उन्होंने कहा कि परंपरागत उद्योगों की पहचान बनाने के लिए हमने 'एक जनपद-एक उत्पाद' की अभिनव योजना प्रारंभ की और देश-दुनिया में अपनी धूम इस प्रकार मचाई कि इस बार भारत सरकार ने आम बजट में कहा कि उ.प्र. की 'एक जनपद-एक उत्पाद' योजना हर प्रदेश में लागू होनी चाहिए। उत्तर प्रदेश, देश में सर्वाधिक निर्यात करने वाला राज्य बन सकता है। 'एक जनपद-एक उत्पाद' योजना ने हमें उस दिशा में एक विशेष पहचान दिलाई है। एक जनपद-एक उत्पाद' योजना से मुजफ्फरनगर की नई पहचान बनाई गई। वहां पैदा होने वाले गन्ने से आज 118 किस्म का गुड़ बनाया जा रहा है। वहां से गुड़ बाहर निर्यात भी किया जाता है।
प्लास्टिक का आएगा विकल्प-
सीएम ने कहा कि इलेक्ट्रिक चाक के माध्यम से कारीगरों की क्षमता में कई गुना वृद्धि हो जाएगी। इससे मिट्टी के बर्तनों के दाम भी कम होंगे, प्लास्टिक का एक नया विकल्प समाज के सामने आएगा और पर्यावरण का भी बचाव होगा। हमने प्लास्टिक को बैन कर माटी कला बोर्ड द्वारा अप्रैल से जून तक मिट्टी के बर्तन आदि के निर्माण से जुड़े लोगों को तालाब से मिट्टी दिए जाने का निर्णय लिया। उन कारीगरों को प्रशिक्षण, डिजाइन तथा टूलकिट आदि भी दी जाएंगी।
माटी कला के कारण अय़ोध्या में हुआ भव्य दीपोस्तव-
मुख्यमंत्री माटी कला बोर्ड से जुड़े कारीगरों के कारण अयोध्या में ही हमें 5,51,000 दीपक उपलब्ध हुए। पहली बार दीपोत्सव कार्यक्रम के अंतर्गत 51,000 दीप जलाने हेतु पूरे प्रदेश से दीपक एकत्रित करने पड़े थे। 2019 के दीपोत्सव कार्यक्रम में 5,51,000 दीप जलाए जाने का निर्णय हुआ तो हमने तय किया कि सारे दीपक अयोध्या व आस-पास के जनपदों में ही बनाए जाएंगे।
Published on:
12 Mar 2020 05:47 pm
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