
Old pension scheme: उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी को पूर्ण बहुमत मिला है। जल्दी ही उत्तर प्रदेश को नई सरकार मिल जाएगी। भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने के बाद अब उस मुद्दे को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं, जिस मुद्दे ने सबसे ज्यादा विधानसभा चुनाव में राजनीति को गरमाया था। बताते चलें अखिलेश यादव ने सरकार बनने पर पुरानी पेंशन को बहाल करने का वादा किया था। ऐसे में अब पुरानी पेंशन के सपने देखने वाले लोगों को यह चिंता सता रही है कि प्रदेश की नई भाजपा सरकार पुरानी पेंशन को लेकर क्या निर्णय लेगी।
कर्मचारी संगठन सक्रिय
पुरानी पेंशन बहाली को लेकर कर्मचारी संगठन काफी सक्रिय हैं। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के नेता जल्द योगी सरकार से पुरानी पेंशन बहाली की गुहार लगाएंगे। परिषद के अध्यक्ष जयंत वारी ने बताया कि शुक्रवार को परिषद की ओर से योगी आदित्यनाथ को जीत के लिए बधाई पत्र भेजा गया है। पत्र में कहा गया है कि कुछ संगठनों ने चुनाव के दौरान कर्मचारियों को बहकाने का काम किया था। पुरानी पेंशन के लालच में पार्टी विशेष के पक्ष में मतदान करने के लिए उकसाया गया, लेकिन इसमें कर्मचारियों का कोई दोष नहीं है। कर्मचारियों ने अपने विवेक का इस्तेमाल किया और मौजूदा सरकार की नीतियों का ही समर्थन किया। उन्होंने कहा कि पुरानी पेंशन का मुद्दा डबल इंजन सरकार ही हल कर सकती है। क्योंकि, इसमें प्रदेश सरकार का सीधा कोई दखल नहीं है। उनके अनुसार परिषद की ओर से पुरानी पेंशन के लिए योगी आदित्यनाथ से वार्ता कर गुहार लगाई जाएगी। सरकार से वार्ता कर इसका हल निकालने में अपनी भूमिका का निर्वहन प्रदेश सरकार करें।
ये हे मंशा
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के बाद पुरानी पेंशन एक बड़ा मुद्दा उभर के सामने आई है। उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ को एक बार फिर से पूर्ण बहुमत मिला है। इसी के साथ 2024 में लोकसभा के चुनाव हैं। यह मुद्दा लोकसभा के चुनाव में भी उठाया जाएगा। ऐसे में राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि लोकसभा चुनाव में इस मुद्दे का फायदा अन्य पार्टियों को न मिले इसके लिए भारतीय जनता पार्टी विचार जरूर करेंगी। ऐसे में पुरानी पेंशन की मांग करने वाले कर्मचारियों को राहत देने के लिए भी केंद्र सरकार व उत्तर प्रदेश सरकार कोई हल निकाल सकती है।
Updated on:
12 Mar 2022 12:10 pm
Published on:
12 Mar 2022 12:05 pm
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