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ट्रेनों के संचालन पर सरकार का बड़ा फैसला, किराए से लेकर हर सुविधा तक हुआ बड़ा बदलाव

कॉर्पोरेट सेक्टर की पहली प्राइवेट ट्रेन तेजस एक्सप्रेस के बाद 150 ट्रेन और 50 स्टेशनों को निजी हाथों में सौंपने की कवायद रेलवे ने शुुरू कर दी

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150 ट्रेनों का संचालन प्राइवेट को देने की तैयारी, 50 स्टेशनों को भी प्राइवेट हाथ में सौंपेगी सरकार

150 ट्रेनों का संचालन प्राइवेट को देने की तैयारी, 50 स्टेशनों को भी प्राइवेट हाथ में सौंपेगी सरकार

लखनऊ. कॉर्पोरेट सेक्टर की पहली प्राइवेट ट्रेन तेजस एक्सप्रेस के बाद 150 ट्रेन और 50 स्टेशनों को निजी हाथों में सौंपने की कवायद रेलवे ने शुुरू कर दी है। नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने रेलवे बोर्ड के चेयरमैन वीके यादव को इस संबंध में पत्र लिखा। पत्र के मुताबिक यह तय हुआ कि पहले चरण में 150 ट्रेनों का परिचालन प्राइवेट ऑपरेटर करेंगे।

ट्रेनों में होंगी विश्वस्तरीय सुविधाएं

तेजस के बाद 150 प्राइवेट ट्रेन शुरू करने के साथ-साथ रेलवे इन ट्रेनों में यात्रियों को विश्वस्तरीय सुविधाएं देगा। प्राइवेट ट्रेनों का लाइसेंस देने के लिए रेलवे बोर्ड ने सशक्त ग्रुप ऑफ सेकेट्री (ईजीओएस) बनाया है। यह ईजीओएस देश के 50 स्टेशनों को विश्व स्तर की सुविधा देने वाला हाईटेक रेलवे स्टेशन बनाने में अहम भूमिका निभाएगा। नीति आयोग के सीईओ ग्रुप के चेयरमैन होंगे, जबकि रेलवे बोर्ड के चेयरमैन, वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के सचिव, हाउसिंग एंड अर्बन मंत्रालय के सचिव और रेलवे के वित्तीय आयुक्त ग्रुप के सदस्य होंगे।

तेजस एक्सप्रेस देश की पहली प्राइवेट ट्रेन है। रेलवे ने लखनऊ-नई दिल्ली और मुंबई-अहमदाबाद रूट पर पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर कॉर्पोरेट सेक्टर की तेजस चलाने की योजना बनाई थी। चार अक्टूबर को ट्रेन के उद्धाटन के पर रेलवे बोर्ड के चेयरमैन विनोद कुमार यादव ने देशभर में 150 प्राइवेट ट्रेन चलाने की घोषणा की थी। प्राइवेट सेक्टर की ट्रेन में रेलवे का काम केवल ऑपरेशन का होगा, जबकि किराये से लेकर कॉमर्शियल गतिविधियां प्राइवेट कंपनी तय करेंगी।

कॉर्पोरेट ट्रेनों के लिए रूट तलाश

रेलवे बोर्ड के डिप्टी सेकेट्री हरीबंश पांडेय ने सभी जोनल मुख्यालयों को आदेश जारी किया है। इसके तहत 150 प्राइवेट ट्रेनों के रूट तय किए जाएंगे। उनका लाइसेंस देने, वर्ल्ड क्लास स्टेशनों के प्रोजेक्टों के समय पूरा होने के लिए मॉनिटरिंग की जाएगी। ग्रुप का कार्यकाल एक साल के लिए होगा। इसका मुख्यालय नई दिल्ली में बना दिया गया है।

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