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फ्लैट नंबर 403 से हो रही थी 420सी; 1 करोड़ कैश के साथ 30 मोबाइल पकड़े, ऑनलाइन बेटिंग रैकेट का पर्दाफाश

Uttar Pradesh Crime: ऑनलाइन बेटिंग रैकेट का पर्दाफाश पुलिस ने किया है। इसके अलावा पुलिस ने 1 करोड़ रुपये कैश और 30 मोबाइल भी पकड़े हैं। जानिए पूरा मामला क्या है?

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लखनऊ

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Harshul Mehra

Jul 24, 2025

ऑनलाइन बेटिंग रैकेट का पर्दाफाश। फोटो सोर्स-X

Uttar Pradesh Crime: एक बड़े साइबर क्राइम रैकेट का खुलासा लखनऊ पुलिस ने किया है। पुलिस ने मामले में अंतरराज्जीय ऑनलाइन बेटिंग गैंग के 16 सदस्यों को गिरफ्तार किया है। 'लोटस' गेमिंग साइट के माध्यम से गिरोह के सदस्य लोगों से ऑनलाइन सट्टा लगवाते थे।

1 करोड़ रुपये कैश समेत 2 नोट गिनने की मशीनें बरामद

इसके बाद गिरोह के सदस्य किराए पर लिए गए बैंक खातों में रकम को ट्रांसफर कर के ATM से कैश निकाल लेते थे। आरोपियों के पास से पुलिस की टीम ने 1 करोड़ रुपये कैश, 22 पासबुक, 13 चेकबुक, 30 मोबाइल और 79 ATM कार्ड समेत 2 नोट गिनने की मशीनें बरामद की हैं।

किराए पर लेते थे बैंक खाता

जांच में खुलासा हुआ कि लोगों को लालच देकर आरोपी पहले उनके नाम से बैंक खाते खुलावाते थे। फिर इन्हीं खातों को किराए पर लेकर आरोपी उनका उपयोग ऑनलाइन मनी ट्रांसफर करने के लिए करते थे। पूछताछ ने दौरान आरोपियों ने बताया कि ऑनलाइन बेटिंग के लिए जैसे ही प्लेयर पैसा जमा करता तो उन पैसों को सीधे किराए पर लिए खातों में ट्रांसफर कर दिया जाता। ATM से इसके बाद तुरंत ही पैसे निकाल लिए जाते जिससे खाते ब्लॉक ना हों।

16 आरोपियों को किया गया गिरफ्तार

पुलिस ने मामले की सूचना के आधार पर गुडम्बा थाना इलाके के स्मृति अपार्टमेंट के फ्लैट नंबर 403 में छापेमार कार्रवाई की। इस दौरान छत्तीसगढ़, गुजरात और यूपी के रहने वाले कुल 16 आरोपियों यहां से गिरफ्तार किया गया। आरोपियों में साजिद अंसारी, सोहेल अशरफ खान, अंश शर्मा, प्रमोद साहू, राकेश प्रहलाद पटेल और गोविंद भाई प्रजापति समेत अन्य शामिल हैं। पकड़े गए बदमाशों की गतिविधियों और भाषा से स्थानीय लोगों को उन पर शक हुआ था, जिसके बाद पुलिस को सूचना दी गई थी।

मामले की जांच में जुटी पुलिस की टीम

मामले को लेकर पुलिस कमिश्नर अमरेंद्र सिंह का कहना है कि देश के अलग-अलग राज्यों में गिरोह ने नेटवर्क बना रखा था। कई ऐसे लोग थे गिरोह के संपर्क में थे जो कुछ पैसों के बदले अपने बैंक खाते को किराए पर दे दिया करते थे। अब इन बैंक खाताधारकों और गेमिंग साइट संचालकों के मोबाइल नंबर्स का पुलिस टीम पता लगा रही है।