
Opinion- कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन वैरिएंट ने भारत समेत पूरी दुनिया में हड़कम्प मचा रखा है, क्योंकि नया वैरिएंट डेल्टा वैरिएंट से भी ज्यादा खतरनाक है। अध्ययन में पता चला है कि कोरोना का नया वैरिएंट खुद को इंसानों की तरह बदल रहा है। इसे देखते हुए उत्तर प्रदेश स्वास्थ्य सेवाएं अलर्ट पर हैं। स्वास्थ्य विभाग ने यूरोप सहित 10 देशों से आने वाले यात्रियों का आरटीपीसीआर अनिवार्य कर दिया है। यूपी के पांच मशहूर पर्यटक स्थल आगरा, प्रयागराज, वाराणसी, लखनऊ व कानपुर में बड़ी संख्या में विदेशी आते हैं, इसलिए इन पर कड़ी नजर रखने के निर्देश दिए गये हैं। स्वास्थ्य विभाग मुस्तैदी के साथ जुटा हुआ है।
स्वास्थ्य विभाग ने उत्तर प्रदेश के अस्पतालों में आईसीयू में वेंटिलेटर समेत अन्य उपकरणों को क्रियाशील रखने का आदेश दिया गया है। विभाग ने सतर्कता बरतते हुए 56 हजार से अधिक आइसोलेशन बेड, 18 हजार आईसीयू बेड, 6700 पीकू-नीकू बेड तैयार कर लिए हैं। हर जनपद की चार सीएचसी पर बच्चों के इलाज की व्यवस्था तीसरी लहर को लेकर की गई थी। इन पर 10-10 बेड व्यवस्था की गई है। ऑक्सीजन की किल्लत न हो अस्पतालों को जरूरी निर्देश दिये गये हैं। बुजर्गों और बच्चों के साथ गंभीर बीमारी वाले मरीजों को अधिक सावधान रहने की जरूरत है। खासकर ब्लड प्रेशर, शुगर, हार्ट डिसीज और लिवर समेत गंभीर रोगों से जूझ रहे लोगों की ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है। इन्हें हर हाल में कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना चाहिए।
ओमिक्रॉन वैरिएंट की वजह से तीसरी लहर आएगी, यह कहना अभी मुश्किल है। लेकिन, यह वैरिएंट तीसरी लहर का कारण बन सकता है। इससे भी इनकार नहीं किया जा सकता है। राहत की बात है यह है कि सीरो सर्वे की रिपोर्ट कहती है कि उत्तर प्रदेश के 80 फीसदी से ज्यादा लोगों में इम्युनिटी डेवलप हो चुकी है। यहां वैक्सीनेशन का आंकड़ा भी बढ़ा है। वावजूद, हर स्तर पर सतर्कता जरूरी है। साथ ही जेहन में अब तक अध्ययन को भी रखना होगा, जिसमें कहा गया है कि कोरोना का नये ओमिक्रॉन वैरिएंट पर इम्युनिटी और वैक्सीनेशन का असर नहीं पड़ता है। ऐसे में इससे निपटने का तरीका सिर्फ कोविड गाइडलाइन्स का पालन ही है। शासन-प्रशासन के साथ ही लोगों को भी इसे गंभीरता से समझना होगा। इसलिए जब भी बाहर निकलें मास्क पहनें। एक-दूसरे से शारीरिक दूरी बनाकर रखें। भीड़-भाड़ से बचें। सार्वजनिक स्थानों पर बेवजह न जायें। ऐसे में जरूरी है कि शादी-विवाह गाइडलाइन जारी होनी चाहिए। जरूरी है कि सावर्जनिक समारोहों को या तो बंद कर दें या फिर सीमित कर दें। सावधानी ही ओमीक्रॉन से बचा सकता है। (ह.ओ.द्वि.)
Updated on:
29 Nov 2021 07:07 pm
Published on:
29 Nov 2021 07:06 pm
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