
लखनऊ. लंबे समय से फैंस और फिल्म इंडस्ट्री 'पद्मावती' (पद्मावत) की रिलीज का इंतजार कर रहे थे। फिल्म निर्माताओं और सेंसर बोर्ड के बीच चल रही रिलीज डेट को लेकर खींचातानी पर आखिरकार पूर्ण विराम लग ही गया। ये पूर्ण विराम भी तब लगा, जब सुनने में आया कि फिल्म पद्मावत 25 जनवरी को रिलीज होगी। फैंस ने राहत की सांस तो ली, जब पता लगा कि फिल्म की रिलीज डेट सामने आ गयी है। लेकिन यहां भी परेशानी का सबब ये बात बनी कि इस फिल्म के साथ अक्षय कुमार की 'पैडमैन' और सिद्धार्थ मल्होत्रा की 'अय्यारी' रिलीज होनी है। अब जब रिलीज डेट में क्लैश हो रहा है, तो ऐसे में इस चर्चा से खबरों का बाजार गर्म है कि पद्मावत की रिलीज डेट अभी फाइनल नहीं है। इसी के साथ आरटीआई एक्ट के तहत फिल्म की तय तारीख पर अभी कोई बात नहीं कही गयी है।
रिलीज की तारीख के बाद भी नहीं संतुष्टी
फैंस की खुशियों पर सोंसर बोर्ड पानी फेरने में को कोई कसर नहीं छोड़ रही है। फिल्ममेकर्स और सरकार को धमकी देते हुए राजपूत करणी सेना के नैशनल प्रेसिडंट सुखदेव सिंह गोगामेदी ने कहा कि फिल्म को रिलीज के लिए तारीख तो दे दी गयी है, लेकिन इसके बाद जो परिणाम होंगे, उसके लिए सेंसर बोर्ड और बीजेपी सरकार जिम्मेदार होगी।
पद्मावत की रिलीज डेट पर चर्चा तो हो रही है, लेकिन इसे अभी हर जगह रिलीज करने पर भी चर्चा की जा रही है। इसे राजस्थान में रिलीज न करने की बात कही जा रही है। राजनीतिक जानकारों के मुताबिक अगले साल के अंत में राजस्थान में विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में करणी सेना के पद्मावत की रिलीज डेट को लेकर विरोध में है।
फिल्मों के क्लैश होने का डर
यूपी में पद्मावत की रिलीज डेट को लेकर क्या हाल है, इस पर फिल्म विकास परिषद गौरव द्विवेदी ने कहा है कि जब तक फिल्म की रिलीज डेट को लेकर कोई खास तारीख तय नहीं हो जाती, तब तक यही माना जाएगा कि 25 जनवरी को फिल्म रिलीज हो सकती है। देखा जाए, तो पद्मावत के साथ कई फिल्में रिलीज होनी हैं। ऐसे में ये तय कर पाना मुश्किल है कि कब कौन सी फिल्म रिलीज होगी। हालांकि, पद्मावत है तो बड़ी फिल्म और इसकी रिलीज का इंतजार 1 दिसम्बर, 2017 से फैंस कर रहे हैं, लेकिन फिर भी अभी तय बात पर कुछ कहा नहीं जा सकता है।
ज्यादा बजट वाली फिल्म को मिलनी चाहिए तवज्जो
करीब 190 करोड़ के बजट पर बनी इस फिल्म की लागत ज्यादा है। ऐसे में जाहिर है कि इस फिल्म को अय्यारी या पैडमैन के मुकाबले ज्यादा तवज्जो दी जानी चाहिए।
आरटीआई कार्यकर्ता डॉ. नूतन ठाकुर ने बताया कि पद्मावत के लिए सिनेमेटोग्राफी एक्ट (1952) के तहत सेंसर प्रमाणपत्र के संबंध में की गई कार्यवाही से जुड़े दस्तावेज मांगे थे। बोर्ड के जनसूचना अधिकारी संजय जायसवाल ने 2 जनवरी, 2018 को भेजे जवाब में नूतन को लिखा कि यह सूचना गोपनीय है, इसलिए इसकी जानकारी नहीं दी जा सकती है। हालांकि इस मामले में नूतन ने बोर्ड के जवाब को गलत बताया है। सिर्फ आरटीआई एक्ट के प्रविधानों में ही आरटीआई के तहत सूचना देने से मना किया जाता है। इसे किसी भी तरह से गोपनीय नहीं बताया जाता है।
देखा जाए, तो पहले पद्मावत फिल्म में 25 संशोधन किए जाने थे, लेकिन अब सिर्फ 5 संशोधन किए गए हैं। इनमें सबसे बड़ा संशोधन तो यही है कि इसे पद्मावाती से पद्मावत बना दिया गया।
Updated on:
08 Jan 2018 05:02 pm
Published on:
08 Jan 2018 04:35 pm
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