लखनऊ

परीक्षा पे चर्चा: यूपी के स्कूलों में बच्चों ने सुनी PM मोदी की बात, पीएम के दिए ये 11 मंत्र

PM नरेंद्र मोदी दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में आयोजित ‘परीक्षा पे चर्चा’ कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने छात्रों से बातचीत की।

2 min read
Jan 27, 2023

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को देशभर के छात्र-छात्राओं से 'परीक्षा पे चर्चा' कार्यक्रम में बातचीत की। इस दौरान PM ने बच्चों के सवालों के जवाब दिए तो अपने अनुभव से भी वो बातें बताईं, जो छात्रों के काम की हैं। यूपी में सहारनपुर से लेकर रायबरेली तक स्कूलों में छात्र-छात्राओं ने ग्राउंड में साथ बैठकर PM को सुना। प्रधानमंत्री मोदी ने 'परीक्षा पर चर्चा' 2023 के छठे संस्करण के दौरान छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों से 11 अहम बातें कहीं हैं-

1- एक बार आपने इस बात को स्वीकार कर लिया कि मेरी ये क्षमता है ये स्थिति है तो मुझे इसके अनुकूल चीजें खोजनी होगी। ज्यादातर लोग सामान्य होते हैं, असाधारण लोग बहुत कम होते हैं। सामान्य लोग असामान्य काम करते हैं और जब सामान्य लोग असामान्य काम करते हैं तब वे ऊंचाई पर जाते हैं।

2- ऐसे लोग हैं जो बहुत मेहनत करते हैं। कुछ लोगों के लिए कड़ी मेहनत उनके जीवन के शब्दकोश में मौजूद नहीं है। कुछ मुश्किल से स्मार्ट वर्क करते हैं और कुछ स्मार्ट तरीके से हार्ड वर्क करते हैं। हमें इन पहलुओं की बारीकियों को सीखना चाहिए और परिणाम के लिए उसी अनुसार काम करना चाहिए।

3- मेहनती बच्चों को चिंता रहती है कि मैं मेहनत करता हूं और कुछ लोग चोरी कर अपना काम कर लेते हैं। ये जो मूल्यों में बदलाव आया है ये सामज के लिए खतरनाक है। अब जिंदगी बदल चुकी है जगत बहुत बदल चुका है। आज हर कदम पर परीक्षा देनी पड़ती है। नकल से जिंदगी नहीं बन सकती है।

4- सिर्फ परीक्षा के लिए नहीं वैसे भी जीवन में हमे समय के प्रबंधन के प्रति जागरूक रहना चाहिए। काम का ढेर इसलिए हो जाता है क्योंकि समय पर उसे नहीं किया। काम करने की कभी थकान नहीं होती, काम करने से संतोष होता है। काम ना करने से थकान होती है कि इतना काम बचा है।

5- कभी-कभी होता है कि आलोचना करने वाला कौन है ये महत्वपूर्ण होता है। जो अपना है वे कहता है तो आप उसे सकारात्मक लेते हैं लेकिन जो आपको पसंद नहीं है वे कहता है तो आपको गुस्सा आता है। आलोचना करने वाले आदतन करते रहते हैं तो उसे एक बक्से में डाल दीजिए क्योंकि उनका इरादा कुछ और है।

6-'परीक्षा पर चर्चा' मेरी भी परीक्षा है और देश के कोटि-कोटि विद्यार्थी मेरी परीक्षा ले रहे हैं... मुझे ये परीक्षा देने में आनंद आता है। परिवारों को अपने बच्चों से उम्मीदें होना स्वाभाविक है, लेकिन अगर यह सिर्फ सामाजिक स्थिति बनाए रखने के लिए है, तो यह खतरनाक हो जाता है।

7- हम राजनीति में कितने ही चुनाव क्यों न जीत लें लेकिन ऐसा दवाब पैदा किया जाता है कि हमें हारना नहीं है। चारों तरफ से दबाव बनाया जाता है। क्या हमें इन दबावों से दबना चाहिए? अगर आप अपनी एक्टिविटी पर फोकस रहते हैं तो आप ऐसे संकट से बाहर आ जाएंगे। कभी भी दबावों के दबाव में न रहें।

8- हमें डंडा लेकर डिसिप्लिन वाला रास्ता ना चुन कर अपनेपन का रास्ता चुनना चाहिए। हमारे शिक्षक विद्यार्थियों के साथ जितना अपनापन बढ़ाएंगे उतना बेहतर होगा। जब विद्यार्थी आपसे सवाल करता है तो उसका लक्ष्य आपके ज्ञान को परखना नहीं है। विद्यार्थी की जिज्ञासा ही उसकी बहुत बड़ी अमानत है।

9- हम दिन-रात कॉम्पिटिशन के भाव में जीते हैं... हम अपने लिए जिएं... अपने में जिएं... अपनों से सीखते हुए जिएं। सीखना सबसे चाहिए लेकिन अपने भीतर के सामर्थ्य पर भी बल देना चाहिए। एक एग्जाम के कारण जीवन एक स्टेशन पर रुकता नहीं है।

Published on:
27 Jan 2023 03:02 pm
Also Read
View All

अगली खबर