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Crime News:रामलीला में परशुराम के पिता की गोली मारकर हत्या, मंच पर भगदड़

Murder in Ramlila:रामलीला मंच पर परशुराम का किरदार निभा रहे एक कलाकार के अधिवक्ता पिता की गोली मारकर हत्या कर दी गई। गोली चलते ही मंच पर भगदड़ का माहौल पैदा गया था। हत्या के बाद आरोपी फरार हो गया, जिसकी धरपकड़ को छह पुलिस टीमों का गठन किया गया है।

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लखनऊ

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Naveen Bhatt

Oct 08, 2024

Advocate shot dead in Ramlila

रामलीला में परशुराम का अभिनय कर रहे कलाकार के पिता की हत्या कर दी गई

Murder in Ramlila:रामलीला के दौरान मंच के पास ही परशुराम के पात्र के पिता की सरेआम गोली मारकर हत्या कर दी गई। पुलिस के अनुसार उत्तराखंड के नैनीताल जिले के ग्राम पूरनपुर नैनवाल, लामाचौड़ निवासी 45 वर्षीय अधिवक्ता उमेश नैनवाल पुत्र मोहन चंद्र नैनवाल और उनके चचेरे भाई दिनेश नैनवाल का पिछले करीब डेढ़ वर्ष से घर से लगी करीब 20 बीघा जमीन को लेकर विवाद चल रहा था। सोमवार देर रात कमलुवागांजा में श्री आदर्श रामलीला कमेटी की ओर से चल रही रामलीला में उमेश का बड़ा बेटा परशुराम का किरदार निभा रहा था। देर रात कार्यक्रम में उमेश और उनके चचेरे भाई दिनेश के बीच कहासुनी काफी बढ़ गई। इसी दौरान दिनेश ने गोली मारकर उमेश की हत्या कर दी। उस वक्त उनका बेटा मंच पर परशुराम का किरदार निभा रहा था। गोली चलते ही मंच सहित पूरे ग्राउंड में अफरा-तफरी मच गई थी।

रामलीला में मची अफरा-तफरी

रामलीला मंचन के दौरान अधिवक्ता की हत्या से खलबली मच गई थी। देखते ही देखते रामलीला देखने को पहुंचे तमाम इधर-उधर भागने लगी। इससे मौके पर अफरा-तफरी मच गई। घटना के बाद दिनेश मौके पर ही तमंचा फेंककर फरार हो गया। आसपास के लोगों ने गंभीर घायल उमेश को कुसुमखेड़ा स्थित सेंट्रल अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। सूचना मिलते ही एसएसपी पीएन मीणा और सीओ नितिन लोहनी भी घटनास्थल का मुआयना करने पहुंच गए थे।

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20 बीघा जमीन बनी कत्ल की वजह

करीब 20 बीघा जमीन अधिवक्ता उमेश नैनवाल की जान की दुश्मन बन गई। हत्यारोपी चचेरे भाई ने कमलुवागांजा स्थित रामलीला मैदान में ही अधिवक्ता को गोली मार दी। अपना आधिपत्य स्थापित करने के लिए भाई को मौत के घाट उतारने वाला आरोपी भाई फिलहाल पुलिस की पकड़ से दूर है। हत्या से करीब छह महीने पहले ही अधिवक्ता उमेश नैनवाल ने मुखानी पुलिस को जान का खतरा जताते हुए शिकायत दी थी, लेकिन पुलिस की बेपरवाही ऐसी रही कि कार्रवाई तो दूर आरोपी को पाबंद करने के बारे में भी नहीं सोचा।