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प्रो.विनय पाठक फिर से बने AKTU के कुलपति

प्रो.विनय कुमार पाठक को दोबारा से एकेटीयू का नियमित कुलपति नियुक्त किया गया है।

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प्रो.विनय पाठक फिर से बने AKTU के कुलपति

लखनऊ. प्रो.विनय कुमार पाठक को दोबारा से एकेटीयू का नियमित कुलपति नियुक्त किया गया है। उत्तर प्रदेश के राज्यपाल व कुलाधिपति राज्य विश्वविद्यालय राम नाईक ने गुरुवार को एकेटीयू लखनऊ में नियमित कुलपति नियुक्त किया व चैधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ में कुलपति का कार्यकाल विस्तारित किया है।राज्यपाल ने प्रो. विनय कुमार पाठक को कार्यभार ग्रहण करने के दो अगस्त से तीन वर्षों के लिए एकेटीयू लखनऊ का कुलपति नियुक्त किया है।

एकेटीयू वीसी पद को लेकर काफी दिनों से कयास लगाए जा रहे थे लेकिन आखिरकार प्रो.पाठक को दोबारा से यूनिवर्सिटी का वीसी चुना गया।राज्यपाल ने चैधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ के कुलपति प्रो. नरेन्द्र कुमार तनेजा का कार्यकाल तीन माह की अवधि अथवा नियमित कुलपति की नियुक्ति होने तक कुलपति पद के दायित्वों के निर्वहन हेतु विस्तारित किया है।

आने वाले तीन वर्षों में नजर आयेंगे यह बदलाव

प्रो विनय कुमार पाठक ने तीन वर्ष के लिए पुनः नियुक्ति के उपरांत कोलैबरेटिव टीचिंग – लर्निंग को बढ़ावा देने के विजन से कार्य करने की बात कही है| उन्होंने ने कहा कि विदेश के विश्वविद्यालयों के साथ कोलैबरेटिव टीचिंग – लर्निंग को बढ़ावा देकर छात्र-छात्राओं को विश्वस्तरीय माहौल तकनीकी शिक्षा उपलब्धता के लिए कार्य करेंगे। इनोवेशन और स्टार्टअप के जरिए स्वरोजगार को बढ़ावा देने के कार्य में और तेजी लाई जाएगी| ऑनलाइन लर्निंग पर भी फोकस रहेगा| कौशल विकास और ट्रेनिंग प्लेसमेंट को बढ़ावा देना भी प्रतिबद्धता रहेगी।

अब एकेटीयू में डिग्री और माइग्रेशन के लिए अलग से नहीं देनी होगी फीस


अब एकेटीयू से सबंद्ध संस्थानों के छात्रों को अब डीग्री व माइग्रेशन समेत चार दस्तावेजों के लिए अलग से कोई शुल्क नहीं देना होगा। विवि प्रशासन ने इस फीस को परीक्षा शुल्क में ही समायोजित किया है। यही वजह है कि पिछली बार की अपेक्षा इस सत्र से परीक्षा शुल्क में एक हजार रुपए की बढ़ोत्तरी की गई है।अभी तक विवि की परीक्षा शुल्क 6500 रुपए थी। इस सत्र से एक हजार रुपए बढ़ाकर 7500 कर दी गई है। कार्यवाहक कुलसचिव प्रो. विनीत कंसल ने बताया कि अभी तक छात्रों को शैक्षणिक दस्तावेजों को प्राप्त करने के लिए आवेदन के साथ फीस जमा करनी होती थी लेकिन इस बार इस व्यवस्था में बदलाव कर दिया गया है। परीक्षा शुल्क में ही माइग्रेशन, डिग्री व इनरोलमेंट की 500-500 रुपए व प्रोविजिनल प्रमाण पत्र का 150 रुपए शुल्क शामिल है। प्रो. कंसल ने बताया कि एक साथ फीस जमा करने से छात्रों को किसी तरह की परेशानी नहीं उठानी पड़ेगी। प्रो. कंसल ने बताया कि इस सत्र से परीक्षा शुल्क भी छात्रों को सीधे विवि को जमा करनी होगी। ऐसी स्थिति में प्रमाण पत्रों की फीस भी यूनिवर्सिटी के पास जमा हो जाएगा।