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अविश्वास प्रस्ताव के मुद्दे पर इस सपा नेता ने कही बड़ी बात, राजनीति में मचा हड़कम्प

सपा नेता रामगोपाल यादव ने अविश्‍वास प्रस्‍ताव पर मतदान से पहले पत्रकारों से आपत्तिजनक शब्‍द का उपयोग किया है।  

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Ramgopal yadav said On issue of no confidence motion

अविश्वास प्रस्ताव के मुद्दे पर इस सपा नेता ने कही बड़ी बात, राजनीति में मचा हड़कम्प

लखनऊ. सपा नेता रामगोपाल यादव ने अविश्‍वास प्रस्‍ताव पर मतदान से पहले पत्रकारों से आपत्तिजनक शब्‍द का उपयोग किया है। रामगोपाल यादव से जब एक रिपोर्टर ने सवाल किया कि अविश्वास प्रस्ताव को लेकर उनका क्या स्टैंड है तो वह उसके सवाल पर भड़क गए और उसके जवाब में उन्होंने कहा कि क्या आप नहीं जानते क्या स्टैंड है? रोज पूछते हैं बता दीजिए। समझते क्‍या हैं हम लोगों को।'

गुस्से में बिना कोई जवाब दिए चले गए रामगोपाल यादव

मुलायम सिंह यादव के भाई रामगोपाल यादव करीब 37 वर्षों से यूपी के सबसे बड़े सियासी परिवार और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय चेहरे के रूप में रहे हैं। अखिलेश सरकार में भी पार्टी के बड़े संवैधानिक, संसदीय और कानूनी फैसले उनकी सहमति के बाद ही लिए जाते थे। दरअसल जब रिपोर्टर ने रामगोपाल यादव से सवाल पूछा कि वह अविश्वास प्रस्ताव के मुद्दे पर किसके साथ हैं, तो उन्होंने पहले तो कुछ भी बोलने से मना कर दिया था कि वह इसके बारे में कुछ भी नहीं बताएंगे लेकिन जब रिपोर्टर ने उनसे यही सवाल किया तो वह अपशब्द का प्रयोग करते हुए गुस्से में बिना कोई जवाब दिए ही वहां से चले गए।

पत्रकार के सवाल पर यह बोले रामगोपाल

रामगोपाल यादव मोहन सिंह और जनेश्वर मिश्र की मौत के बाद से वह समाजवादी पार्टी के बौद्धिक चेहरे के रूप में हैं। वह सबसे लंबे समय से राज्यसभा में पार्टी का नेतृत्व कर रहे हैं। वर्ष 1992 में वह पहली बार राज्यसभा के लिए चुने गए थे। उस दौरान वह विज्ञान और तकनीकी व पर्यावरण एवं वन समिति के सदस्य रह चुके हैं। इसके बाद 1998 में फिर से राज्यसभा के लिए चुन लिए गए। वहीं, 2014 में रामगोपाल को चौथी बार राज्यसभा के लिए चुना गया। बता दें, कि अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग से एक दिन पहले ही सियासी घमासान शुरू हो गया है।

शिवसेना मोदी सरकार को देगी समर्थन

बता दें कि चार साल पुरानी मोदी सरकार को पहली बार अविश्वास प्रस्ताव का सामना करना पड़ रहा है। पहले अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा की जाएगी और उसके बाद शाम 6 बजे वोटिंग शुरू की जाएगी। एनडीए की सहयोगी रही तेलगु देशम पार्टी (टीडीपी) ने इसका नोटिस लोकसभा महासचिव को दिया था, जिसका कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों ने भी जमकर समर्थन किया। पार्टी का कहना है कि कावेरी मुद्दे पर किसी ने साथ नहीं दिया इसलिए यह फैसला लिया गया है। उधर, डीएमके और ओडिशा में सत्तारूढ़ बीजू जनता दल (बीजेडी) ने अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन किया। रिपोर्ट्स के मुताबिक एनडीए की बड़ी सहयोगी शिवसेना ने ऐलान किया है कि वह मोदी सरकार को ही अपना समर्थन देगी।


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