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अनोखा है बनारस का यह चर्च, यहां भोजपुरी में प्रार्थना सुनते हैं ईसा मसीह

यहां लोग ईसा मसीह से भोजपुरी में प्रार्थना करते हैं। यह चर्च करीब 136 साल पुराना है और इसका नाम है- लाल गिरजाघर। यहां संपूर्ण प्रार्थना भोजपुरी में होती है।

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लखनऊ

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Rajeev sharma

Jan 18, 2016

कहा जाता है कि इबादत के लिए लफ्जों की जरूरत नहीं होती। यहां मन के पवित्र भाव परमात्मा तक पहुंचते हैं। दुनिया में कई धर्मों के लोग अपनी भाषा में परमात्मा का स्मरण करते हैं। यहां भाषा मुख्य नहीं है। महत्वपूर्ण हैं मन के भाव और प्रार्थना की सच्चाई।

आमतौर पर यह माना जाता है कि चर्च में ईसा मसीह की वंदना अंग्रेजी भाषा में की जाती है। वास्तव में यह सच नहीं है। लोग चर्च में विभिन्न भाषाओं में प्रार्थना करते हैं। ऐसा ही एक प्राचीन चर्च बनारस में स्थित है।

यहां लोग ईसा मसीह से भोजपुरी में प्रार्थना करते हैं। यह चर्च करीब 136 साल पुराना है और इसका नाम है- लाल गिरजाघर। यहां संपूर्ण प्रार्थना भोजपुरी में होती है। भक्ति संगीत भी भोजपुरी में ही है।

बनारस के कैंट इलाके में स्थित इस चर्च की रौनक हर रविवार को अनोखी होती है। यहां आने वाले श्रद्धालु भी भोजपुरी में प्रार्थना से सहज महसूस करते हैं। श्रद्धालुओं का कहना है कि महत्वपूर्ण है- प्रार्थना। इसमें यह महत्वपूर्ण नहीं कि उसके शब्द किस भाषा से हैं, क्योंकि परमेश्वर हर भाषा के शब्द समझ सकते हैं।


प्रत्येक भाषा और हर शब्द उन्हीं ने बनाया है, इसलिए भोजपुरी में की गई प्रार्थना भी परमेश्वर तक पहुंचती है, जैसे कि दूसरी भाषाएं परमेश्वर सुन सकते हैं। यहां फादर भी भोजपुरी में ही वचन सुनाते हैं। उनके मुताबिक, भोजपुरी भाषा में प्रार्थना और वचन से श्रद्धालु अपनापन महसूस करते हैं।

bhojpuri church

चर्च के इतिहास के बारे में कहा जाता है कि 136 साल पहले रेवरेंड अल्बर्ट फेंटमिन ने इस चर्च की स्थापना की थी। तब से यहां इबादतों का दौर जारी है। इसके पास ही सेंट मेरिज चर्च है जहां अंग्रेजी में प्रार्थना की जाती है।

लाल गिरजाघर में मुख्यत: उन लोगों को ध्यान में रखकर पांच साल पहले भोजपुरी में प्रार्थना शुरू की गई थी जो हिंदी-अंग्रेजी के बजाय भोजपुरी में ज्यादा सहज हैं। भोजपुरी में प्रार्थना के कारण यह चर्च दुनिया में मशहूर है।