हिंसा कंट्रोल के लिए भेजे गए अधिकारी
कासगंज में शनिवार को चंदन गुप्ता के अंतिम संस्कार के बाद दोबारा हिंसा भड़क उठी। इसे देखते हुए डीजीपी मुख्यालय लखनऊ से वरिष्ठ आईपीएस डीके ठाकुर को हालात पर काबू पाने के लिए भेजा गया है। जो कि वहां एडीजी आगरा जोन, एसपी कासगंज समेत अन्य अधिकारियों के साथ रणनीति तैयार करेंगे।
वहीं एडीजी कानून-व्यवस्था आनंद कुमार के मुताबिक स्थिति को काबू करने के लिए शहर की सीमा को सील कर दिया गया है। भारी पुलिस फोर्स व आरपीएफ को तैनात कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि आरपीएस लगातार प्रभावित इलाकों में गश्त कर रही है।
अब तक नहीं पकड़े गए हत्यारे
पुलिस व इंटेलिजेंस के हाथ अब तक मुख्य आरोपी नहीं लगे हैं। शुक्रवार को हुई हिंसा में गोली लगने से चंदन गुप्ता की मौत हो गई थी। इसके बाद पूरा शहर साम्प्रदायिक हिंसा की भेट चढ़ गया। पुलिस बल कल से हालात पर काबू पाने की कोशिश में जुटी हुई है। वहीं अब तक मुख्य आरोपी की न ही पहचान हुई है, न ही पकड़ा जा सका है।
ऐसे शुरु हुई हिंसा
गणतंत्र दिवस के अवसर पर कासगंज के थाना कोतवाली क्षेत्र में बिलराम गेट के पास से तिरंगा यात्रा निकाली जा रही थी। इसमें विश्व हिंदू परिषद और एबीपी के कार्यकर्ता शामिल थे। कार्यकर्ताओं के नारेबाजी के दौरान दूसरे समुदाय के लोगों ने विरोध किया। इसके बाद दोनों समुदायों में मार पीट के साथ हिंसा भड़क उठी। इस दौरान चंदन गुप्ता और प्रिंस नाम के युवकों को गोली लग गई। गोली लगने से कार्यकर्ता चंदन गुप्ता की मौत के बाद शहर में आगजनी, पथराव की घटना ने जोर पकड़ लिया। हालांकि पुलिस फोर्स ने शुक्रवार को किसी तरह इस पर काबू पाया। लेकिन शनिवार को चंदन गुप्ता के अंतिम संस्कार के बाद कासगंज में फिर बवाल बढ़ गया। कुछ आराजकतत्वों ने दुकान और धार्मिक स्थल में आग लगा दी। इसके बाद फोर्स की सख्सी के निर्देश दे दिए गए हैं।