
अखिलेश यादव का बड़ा बयान- अकेले चुनाव लड़ेगी समाजवादी पार्टी, गठबंधन पर मायावती आज लेंगी फैसला!
लखनऊ. लोकसभा चुनाव में सपा-बसपा भले ही एक साथ चुनाव लड़ने जा रही हों, लेकिन मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में दोनों दल एक-दूसरे के प्रतिद्वंदी होंगे। मिलकर भाजपा को घेरने के पक्षधर अखिलेश यादव ने सपा की मध्य प्रदेश इकाई को सभी 230 सीटों पर चुनाव लड़ने के निर्देश दिये हैं। पार्टी ने इसके लिये तैयारियां भी शुरू कर दी हैं। मध्य प्रदेश में भले समाजवादी पार्टी का कोई खास जनाधार नहीं है, लेकिन पिछले चुनावों को छोड़ दें तो बुंदेलखंड में समाजवादी पार्टी मजबूत स्थिति में हैं। जानकारों का मानना है कि जीत-हार अलग बाद है, लेकिन बुंदेलखंड के टच मध्य प्रदेश में अखिलेश यादव का प्रभाव दिख सकता है।
यूपी के सीमावर्ती जिलों पर अखिलेश यादव की निगाहें हैं। मध्य प्रदेश में सपा के अकेले चुनाव लड़ने को मायावती कैसे लेती हैं, इस पर सभी की निगाहें हैं। फिलहाल शनिवार को बसपा कार्यसमिति की बैठक में मायावती का रुख सामने आ सकता है।
हाल ही में मध्य प्रदेश दौरे पर गये थे अखिलेश यादव
हाल ही में अखिलेश यादव मध्य प्रदेश के दौरै पर गये थे। यहां उन्होंने रीवां, सतना, पन्ना, छतरपुर और खजुराहो में किसानों के बीच जनसभाएं कीं। मध्य प्रदेश दौरे की तस्वीरें ट्वीट करते हुए अखिलेश यादव ने ट्वीट करते हुए कहा था कि असीम प्रेम एवं स्नेह देने के लिए मध्य प्रदेश की सुहृदय जनता को हार्दिक धन्यवाद। आते रहेंगे।
सपा का नारा- 'जवानी, किसानी और पानी'
गौरतलब है समाजवादी पार्टी ने बुंदेलखंड जवानी, किसानी और पानी का नारा दिया है। सपा प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी के अनुसार, बुंदेलखंड क्षेत्र की यही समस्यायें प्रमुख हैं। क्योंकि यहां युवा बेरोजगार और किसान परेशान हैं। भाजपा सरकार बुंदेलखंड में पानी का संकट दूर नहीं कर पा रही है। मध्य प्रदेश के किसानों से मिलकर अखिलेश यादव ने एक तरह से अपनी रणनीति का स्पष्ट संकेत देने की कोशिश की है, वह मध्य प्रदेश में किसानों को मुद्दों को लेकर शिवराज सिंह चौहान को घेरने का काम करेंगे।
सपा के मुकाबले ज्यादा है बसपा बेस वोट बैंक
बसपा की बात करें तो समाजवादी पार्टी के मुकाबले उसका मध्य प्रदेश में बेस वोट बैंक ज्यादा है। कई क्षेत्रों में बसपा का बेस वोट बैंक निर्णायक स्थिति में है। यही कारण है कि पिछले विधान सभा चुनाव (2013) में मायावती चार सीटें जीतने में सफल रही थीं। उनकी कोशिश इस बार सीटों की संख्या इजाफा करने पर होगा।
Published on:
26 May 2018 10:15 am
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