10 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

यूपी में आरक्षण के मुद्दे पर मचा सियासी घमासान, बीजेपी के बाद अब सपा ने कर दी ये बड़ी मांग

उत्तर प्रदेश में पिछड़ा, अति पिछड़ा और अति दलितों को आरक्षण का मुद्दा एक फिर से गरम होने लगा है...

2 min read
Google source verification

लखनऊ

image

Hariom Dwivedi

Mar 29, 2018

Samajwadi party

लखनऊ. उत्तर प्रदेश में पिछड़ा, अति पिछड़ा और अति दलितों को आरक्षण का मुद्दा एक फिर से गरम होने लगा है। जब तक सपा-बसपा इस मुद्दे को आगे बढ़ाते, इन वोटर्स को लुभाने के लिये यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहले ही अलग से आरक्षण दिये जाने की घोषणा कर दी है। गोरखपुर और फूलपुर उपचुनाव में शिकस्त के बाद सपा-बसपा गठबंधन को मात देने के लिये भाजपा ने मास्टर स्टोक खेल दिया है, जिसका असर भी होता दिख रहा है। आरक्षण कोटा तय किये जाने की घोषणा के गदगद अंबेडकर महासभा और अखिल भारतीय तैलिक साहू राठौर महासभा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का सम्मान करने जा रही है। भले ही बीजेपी ने वर्षों बाद आरक्षण का दांव सबसे पहले चल दिया हो, लेकिन अब समाजवादी पार्टी भी इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाने में जुट गई है।

बुधवार को पिछड़ों और दलितों के आरक्षण के मुद्दे को लेकर विधानपरिषद में जमकर हंगामा हुआ। समाजवादी पार्टी के नेताओं ने भाजपा को आरक्षण विरोधी करार देते आरक्षण खत्म करने का आरोप लगाया। सदन में सपा सदस्य राजपाल कश्यप ने कहा कि योगी सरकार अनुसूचित जाति, जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों को मिलने वाला आरक्षण खत्म करने की साजिश रच रही है। यही कारण है कि उत्तर प्रदेश में अब तक पिछड़ों और दलितों की आवाज सुनने वाले आयोगों को गठित नहीं किया गया है।

यह भी पढ़ें : राम मंदिर नहीं, 2019 में आरक्षण को मुख्य चुनावी मुद्दा बनायेगी भाजपा, ये हैं अहम कारण

जनरल वालों का 85 पदों पर कब्जा : कश्यप
प्रश्नकाल के बाद सपा सदस्य डॉ. राजपाल कश्यप ने कहा कि 15 फीसदी जनरल आबादी सरकारी संस्थाओं के 85 फीसदी पदों पर कब्जा जमाये बैठी है। न्यायपालिका में भी कुछ परिवारों के लोग ही जज बन रहे हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार और उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार न्यायालयों में आरक्षण की ठीक तरह से पैरवी न करके इसे खत्म करने पर तुली हैं। कश्यप ने कहा कि आरक्षित वर्ग का व्यक्ति सामान्य मेंरिट में नहीं जा सकने के नियम के चलते 15 फीसदी लोगों के लिये 50 फीसदी पद आरक्षित हो गये हैं।

बीजेपी में ही उठ रही आरक्षण की मांग
भले ही सीएम योगी ने अति दलितों और अति पिछड़ों को अलग से आरक्षण देने की बात कही हो, लेकिन भाजपा नेता और राज्य सरकार के सहयोगी दल आरक्षण की मांग कर रहे हैं। बहराइच से भाजपा सांसद सावित्रीबाई फुले अति पिछड़ों और अति दलितों को अलग से आरक्षण देने, पदोन्नति में आरक्षण और निजी क्षेत्र में आरक्षण देने जैसी मांग की है। इसको लेकर वह एक अप्रैल को लखनऊ में बड़ा प्रदर्शन करने जा रही हैं। इसके सरकार में सहयोगी दल सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर भी अति पिछड़ा, सर्वाधिक पिछड़ा और अति दलित वर्ग के आरक्षण की मांग कर रहे हैं।

यह भी पढ़ें : बीजेपी के इस बड़े नेता ने ओमप्रकाश राजभर को बताया कैंसर, कहा- गठबंधन से पहले ओढ़ना-बिछौना तक नहीं था