
कॉलेज की लड़कियों के लिए योगी का तोहफा मुफ्त मिलेगा सैनिटरी पैड
लखनऊ. लड़कियों में किशोरावस्था में माहवारी आना उनके मातृत्व की ओर बढ़ने की प्राकृतिक प्रक्रिया है। इस दौरान उन्हें उचित मार्गदर्शन के साथ ही स्वच्छ सैनेटरी पैड मिलना एक जरूरत है। सेनेटरी पैड का प्रयोग करते हुए आज भी कई महिलाएं काफी लापरवाही बरततीं हैं। हमारे समाज में आज भी बहुत सी बातों के बारे में खुलकर बात करना अशोभनीय माना जाता है अौर मासिक धर्म भी इन्हें में से एक है। मासिक धर्म के दौरान प्रयुक्त किए जाने वाले सेनेटरी नैपकिन’ को लेकर भी महिलाओं में जागरूकता का काफी अभाव है। चिंताजनक तथ्य यह है कि हमारे देश में बड़ी संख्या में लड़कियां माहवारी के समय कपड़ा, टाट, रेत या राख अादि का इस्तेमाल करती हैं, जो हमारे स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारी है। जिससे कई तरह की बिमारियां होने का डर होता है।
इस तहत सैनेटरी पैड बनाने वाली कंपनी नाइन ने भारत में इन्हीं प्रयासों को आगे बढ़ाते हुए महिलाओं को माहवारी के दौरान स्वच्छता के प्रति जागरूक करने और बहुत कम कीमत पर सैनेटरी पैड उपलब्ध कराने का बीड़ा उठाया है। कंपनी ने रक्षा बंधन और शिक्षक दिवस पर इस दिशा में विशेष कार्यक्रमों का आयोजन किया। इसी श्रृंखला में उत्तर प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में किशोरियों और महिलाओं में माहवारी के दौरान स्वच्छता के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए विशेष अभियान शुरू किया गया है। अभियान के तहत छात्राओं के कालेजों में सैनेटरी पैड की वेडिंग मशीनें लगायी जा रही है।
नाइन मूवमेंट और नाइन पैड की मुख्य कार्यकारी अधिकारी रिचा सिंह ने विशेष बातचीत में कहा कि हाल ही में आपने डाटर्स डे पर टेलीविजन पर नाइन पैड के विज्ञापन में एक पिता को अपनी बेटी से सैनिटरी पैड के इस्तेमाल के बारे में बात करते हुए झिझकते देखा होगा। हमारा उद्देश्य सैनिटरी पैड के बारे में समाज में व्याप्त इसी झिझक को मिटाना है। देश की तकरीबन 50 फीसद महिलायें सैनेटरी पैड का इस्तेमाल नहीं करतीं और इनमें सिर्फ ग्रामीण इलाकों की ही नहीं बल्कि शहरी महिलाओं की तादाद भी काफी ज्यादा है ।
उन्होंने बताया कि नाइन पैड आंदोलन के तहत उत्तर प्रदेश के लखनऊ, गोरखपुर, कानपुर, आगरा, सीतापुर, फिरोजाबाद जिलों के ग्रामीण इलाकों में पिछले दो महीनो में करीब 50 हजार किशोरियों और महिलाओं को माहवारी के दौरान स्वच्छता के प्रति जागरूक करने के साथ ही सैनेटरी पैड के इस्तेमाल का महत्व समझाया गया है। सिंह बताती हैं कि इस काम में स्वयं सेवी संस्थाओं की महिला कार्यकर्ताओं, आगंनवाड़ी कार्यकर्ताओ और आशा कार्यकर्ताओं की भी मदद ली जा रही है। महिला कार्यकर्ता घर घर जाकर किशोरियों और महिलाओं को जागरूक करने का काम कर रही हैं।
अवध गर्ल्स कॉलेज ने छात्राओं के लिए लगाई सैनिटरी नैपकिन वेंडिंग मशीन
अवध गर्ल्स डिग्री कॉलेज यूपी का ऐसा पहला कॉलेज बना है, जिसने अपने कैंपस में सैनिटरी नैपकिन वेंडिंग मशीन लगाई है। ये मशीन सिर्फ छात्राओं को सस्ते दामों पर नैपकिन ही मुहैया नहीं करा रही बल्कि ये महिला स्वच्छता और सेहत का अनमोल पैगाम लेकर आई है। लखनऊ के अवध गर्ल्स डिग्री कॉलेज ने इसी मुद्दे पर जागरूकता फैलाने के मकसद से नई पहल की। कॉलेज कैंपस में तीन सैनिटरी नैपकिन वेंडिंग मशीन्स लगाई गई। इनमें 5 रुपये का सिक्का डालकर नैपकिन ली जा सकती है।
Published on:
04 Oct 2018 01:10 pm
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