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School Holiday: सावन सोमवार और कांवड़ यात्रा के चलते यूपी के तीन जिलों में स्कूलों की छुट्टी

Schools Closed: उत्तर प्रदेश में सावन मास और कांवड़ यात्रा के चलते सुरक्षा और यातायात व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए वाराणसी, बरेली और बदायूं में स्कूलों को बंद रखने का आदेश जारी किया गया है। स्थानीय प्रशासन ने छात्र सुरक्षा, ट्रैफिक डायवर्जन और धार्मिक भावनाओं को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया है।

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लखनऊ

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Ritesh Singh

Jul 14, 2025

Holidays being granted in Uttar Pradesh due to Kanwar Yatra (Photo source: Patrika)

Holidays being granted in Uttar Pradesh due to Kanwar Yatra (Photo source: Patrika)

Schools Closed in 3 UP Districts: प्रदेश में सावन और कांवड़ यात्रा की शुरुआत के साथ ही प्रशासनिक स्तर पर व्यापक तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। इसके तहत तीन जिलों वाराणसी, बरेली और बदायूं में सोमवार और शनिवार को स्कूलों में अवकाश की घोषणा की गई है। इसका मुख्य उद्देश्य श्रद्धालुओं को सुरक्षा और सुचारू यातायात सुविधा प्रदान करना है। नीचे विस्तार से देखिए किस जिले में क्या योजना बनी है, कारण क्या हैं और इसके प्रभाव क्या होंगे।

1. वाराणसी: सावन के पहले सोमवार को अवकाश

वाराणसी डीआईओएस (डिस्ट्रीक्ट इंस्पेक्टर ऑफ स्कूल) भोलेंद्र प्रताप सिंह और प्रभारी आरक्षित शिक्षक बीएसए द्वारा सभी प्रकार के स्कूल परिषदीय, माध्यमिक,सीबीएसई, आईसीएसई में 14 जुलाई सोमवार को अवकाश की घोषणा की गई।

मुख्य बिंदु

  • नगर क्षेत्र और कांवड़ मार्गों पर आने वाले स्कूलों को बंद रखा जाएगा।
  • इस दिन शिक्षण की जगह रविवार को कराई जाएगी।
  • पेरेंट्स, छात्र और मिड-डे मील फाउंडेशन सहित सुविधासम्पन्न संस्थाओं को अवकाश की सूचना भेजी जाएगी।
  • आदेश शिवभक्तों की सुरक्षा और कांवड़ मार्गों पर रूट डायवर्जन की सुविधा को सुनिश्चित करने के मकसद से लिया गया।
  • इस निर्णय से स्कूल परिसर खाली रहेंगे, जिससे श्रद्धालु-सुरक्षा व्यवस्था बेहतर की जा सकेगी।

2. बरेली: सावन के चारों सोमवार को अवकाश

बरेली के डीएम अविनाश सिंह ने सावन महीने के चारों सोमवार को स्कूलों में अवकाश का ऐलान किया है।

प्रभावित संस्थान: माध्यमिक, बेसिक शिक्षा, सीबीएसई, आईसीएसई व अन्य बोर्डों के स्कूल, दिल्ली रोड व बदायूं रोड के 5 किमी की परिधि में स्थित कॉलेज, आईटीआई व महाविद्यालय
तकनीकी और व्यावसायिक शैक्षणिक संस्थान।

विशेष प्रावधान

  • स्कूल स्टाफ अवकाश पर नहीं, शासकीय कार्यों के लिए उपस्थित रहेगा।
  • यदि किसी संस्था में परीक्षा निर्धारित है तो वह सामान्य रूप से होगी।
  • गीआरएम प्रबंधक राजेश अग्रवाल ने इसी नीति के अनुरूप चारों सोमवार की छुट्टी का ऐलान किया।
  • बरेली में ट कांवड़ मार्गों पर सुरक्षा-व्यवस्था सुनिश्चित करने की रणनीति के तहत यह निर्णय लिया गया।

3. बदायूं: शनिवार और सोमवार चाहें तो बंद

बदायूं में जिला प्रशासन ने श्रावण मास में हर शनिवार एवं सोमवार को प्राथमिक विद्यालयों (कक्षा 1–8) को अवकाश रखने का निर्णय लिया है।

मुख्य निर्देश

  • शासनादेश पर कड़ाई से पालन अनिवार्य।
  • परिषदीय, मान्यता प्राप्त, सहायता प्राप्त और CBSE/ICSE आदि बोर्डों से संबद्ध स्कूल शामिल हैं।
  • रूट डायवर्जन योजना लागू है, इसलिए सुरक्षा और यातायात की दृष्टि से विद्यालय बंद रहेंगे।
  • इस कदम का मकसद कांवड़-यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और स्थानीय व्यवस्था बिगड़ने से बचना है।

1. सुरक्षा का दृष्टिकोण
कांवड़ यात्रा में बड़े पैमाने पर श्रद्धालु किसी शिव मंदिर पर जल चढ़ाने जाते हैं। इसके दौरान मुख्य रास्तों पर भारी भीड़ होती है, जिससे बच्चियों-छात्रों की सुरक्षा जोखिम में पड़ सकती है।

2. यातायात प्रबंधन
रूट डायवर्जन के कारण सड़कों पर वाहन-दौड़ बाधित होती है। स्कूल परिचालन के दौरान बस, वैन और अन्य निजी वाहनों की आवाजाही मुश्किल हो सकती है।

3. अध्यापन की रणनीति
ऑर्डर में उल्लेख है कि रूके हुए शिक्षण को रविवार को बंद स्कूलों में कराना चाहिए। इससे अध्ययन का सिलसिला प्रभावित नहीं होगा।

अवकाश की समयरेखा

जिलाअवकाश होने वाले दिनरिमोट क्लास/ब्यवस्था
वाराणसीसावन का पहला सोमवार, 14 जुलाईरविवार को क्लास कराएं
बरेलीसावन के चारों सोमवारस्टाफ उपस्थित, क्लास न हो
बदायूंश्रावण मास के प्रत्येक शनिवार व सोमवार

शिक्षा विशेषज्ञों की राय

डॉ. रीता वर्मा, शिक्षा विशेषज्ञ कहती हैं कि “यह कदम सुरक्षा तो सुनिश्चित करता है, लेकिन अध्ययन समय-सीमा का निर्धारण करना और पारदर्शिता देना आवश्यक है। शिक्षकों को कार्यभार अधिक देना पढ़ाई की गुणवत्ता को प्रभावित कर सकता है।”

शहर विकास परिषद का अमोल सिंह कहते हैं कि “सड़क जाम जैसी स्थितियों में सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखना चुनौतीपूर्ण होता है। ऐसे वक़्तों पर छुट्टी की नीति से ट्रैफिक व मॉलिक प्रसंस्करण आसान बना है। पर इसका प्रभाव पढ़ाई पर कैसे पड़ेगा, वह समीक्षा का मुद्द़ा है।”

  • आगे की व्यवस्थाएँ: शिक्षा विभाग और प्रशासन को समन्वय बढ़ाना होगा ताकि Sunday replacement रणनीति स्पष्ट हो।
  • अनुभव आधारित नीति: पहले सावन या पर्वों पर यह तरीका आजमाया गया था। जिस जिले का मॉडल बेहतर काम किया, उसके पैटर्न को दूसरे जिलों में प्रवर्तित किया जा सकता है।
  • मीटिग और समीक्षा: छुट्टी के सप्ताह के बाद छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों से फीडबैक लिया जाना आवश्यक है।