
Holidays being granted in Uttar Pradesh due to Kanwar Yatra (Photo source: Patrika)
Schools Closed in 3 UP Districts: प्रदेश में सावन और कांवड़ यात्रा की शुरुआत के साथ ही प्रशासनिक स्तर पर व्यापक तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। इसके तहत तीन जिलों वाराणसी, बरेली और बदायूं में सोमवार और शनिवार को स्कूलों में अवकाश की घोषणा की गई है। इसका मुख्य उद्देश्य श्रद्धालुओं को सुरक्षा और सुचारू यातायात सुविधा प्रदान करना है। नीचे विस्तार से देखिए किस जिले में क्या योजना बनी है, कारण क्या हैं और इसके प्रभाव क्या होंगे।
वाराणसी डीआईओएस (डिस्ट्रीक्ट इंस्पेक्टर ऑफ स्कूल) भोलेंद्र प्रताप सिंह और प्रभारी आरक्षित शिक्षक बीएसए द्वारा सभी प्रकार के स्कूल परिषदीय, माध्यमिक,सीबीएसई, आईसीएसई में 14 जुलाई सोमवार को अवकाश की घोषणा की गई।
मुख्य बिंदु
बरेली के डीएम अविनाश सिंह ने सावन महीने के चारों सोमवार को स्कूलों में अवकाश का ऐलान किया है।
प्रभावित संस्थान: माध्यमिक, बेसिक शिक्षा, सीबीएसई, आईसीएसई व अन्य बोर्डों के स्कूल, दिल्ली रोड व बदायूं रोड के 5 किमी की परिधि में स्थित कॉलेज, आईटीआई व महाविद्यालय
तकनीकी और व्यावसायिक शैक्षणिक संस्थान।
विशेष प्रावधान
बदायूं में जिला प्रशासन ने श्रावण मास में हर शनिवार एवं सोमवार को प्राथमिक विद्यालयों (कक्षा 1–8) को अवकाश रखने का निर्णय लिया है।
1. सुरक्षा का दृष्टिकोण
कांवड़ यात्रा में बड़े पैमाने पर श्रद्धालु किसी शिव मंदिर पर जल चढ़ाने जाते हैं। इसके दौरान मुख्य रास्तों पर भारी भीड़ होती है, जिससे बच्चियों-छात्रों की सुरक्षा जोखिम में पड़ सकती है।
2. यातायात प्रबंधन
रूट डायवर्जन के कारण सड़कों पर वाहन-दौड़ बाधित होती है। स्कूल परिचालन के दौरान बस, वैन और अन्य निजी वाहनों की आवाजाही मुश्किल हो सकती है।
3. अध्यापन की रणनीति
ऑर्डर में उल्लेख है कि रूके हुए शिक्षण को रविवार को बंद स्कूलों में कराना चाहिए। इससे अध्ययन का सिलसिला प्रभावित नहीं होगा।
| जिला | अवकाश होने वाले दिन | रिमोट क्लास/ब्यवस्था |
| वाराणसी | सावन का पहला सोमवार, 14 जुलाई | रविवार को क्लास कराएं |
| बरेली | सावन के चारों सोमवार | स्टाफ उपस्थित, क्लास न हो |
| बदायूं | श्रावण मास के प्रत्येक शनिवार व सोमवार |
डॉ. रीता वर्मा, शिक्षा विशेषज्ञ कहती हैं कि “यह कदम सुरक्षा तो सुनिश्चित करता है, लेकिन अध्ययन समय-सीमा का निर्धारण करना और पारदर्शिता देना आवश्यक है। शिक्षकों को कार्यभार अधिक देना पढ़ाई की गुणवत्ता को प्रभावित कर सकता है।”
शहर विकास परिषद का अमोल सिंह कहते हैं कि “सड़क जाम जैसी स्थितियों में सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखना चुनौतीपूर्ण होता है। ऐसे वक़्तों पर छुट्टी की नीति से ट्रैफिक व मॉलिक प्रसंस्करण आसान बना है। पर इसका प्रभाव पढ़ाई पर कैसे पड़ेगा, वह समीक्षा का मुद्द़ा है।”
Published on:
14 Jul 2025 08:19 am
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