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यूपी में बेहतर होगा निवेश का माहौल, सात नए इन्क्यूबेटर्स को मिलेगी मंजूरी

उत्तर प्रदेश सरकार ने यूपी में निवेश को बढ़ावा देने के लिए स्टार्टअप नीति-2020 के तहत सात नए इन्क्यूबेटर्स को मंजूरी दी है। राज्य के अपर मुख्य सचिव (आईटी एवं इलेक्ट्रानिक्स) आलोक कुमार की अध्यक्षता में हुई स्टार्टअप नीति-2020 की बैठक में यह फैसला लिया गया है।

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यूपी में बेहतर होगा निवेश का माहौल, सात नए इन्क्यूबेटर्स को मिलेगी मंजूरी

यूपी में बेहतर होगा निवेश का माहौल, सात नए इन्क्यूबेटर्स को मिलेगी मंजूरी

लखनऊ. उत्तर प्रदेश सरकार ने यूपी में निवेश को बढ़ावा देने के लिए स्टार्टअप नीति-2020 के तहत सात नए इन्क्यूबेटर्स को मंजूरी दी है। राज्य के अपर मुख्य सचिव (आईटी एवं इलेक्ट्रानिक्स) आलोक कुमार की अध्यक्षता में हुई स्टार्टअप नीति-2020 की बैठक में यह फैसला लिया गया है। राज्य में सात नए स्टार्टअप इन्क्यूबेटरों की स्थापना के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। ये इनक्यूबेटर्स स्टार्टअप के लिए पहले संपर्क केन्द्र के रूप में कार्य करेंगे। जुलाई 2021 तक प्रदेश में 100 से अधिक इन्क्यूबेटर स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है। आलोक कुमार के अनुसार, स्टार्टअप नीति-2020 के तहत मान्यता प्राप्त इन्क्यूबेटर स्टार्ट-अप को प्राथमिक सूचना प्रदान करने, स्टार्टअप को मार्गदर्शन और नई नीति के तहत राज्य सरकार द्वारा दिए गए प्रोत्साहन के लिए अलग-अलग स्टार्टअप की सिफारिश करने के लिए हब एंड स्पोक मॉडल के तहत काम करेंगे।

सात इन्क्यूबेटर में शामिल जिले

प्रत्येक जिले में कम से कम एक इन्क्यूबेटर स्थापित किया जाएगा। इनमें से सात जिले जिनमें इन्क्यूबेटर स्थापित किया जाएगा वह हैं- अटल इनोवेशन सेंटर, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज बांदा, नैस्कॉम 10 हजार स्टार्टअप वेयरहाउस नोएडा, जयपुरिया इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट लखनऊ, महर्षि सूचना प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय लखनऊ, जीएलए विश्वविद्यालय मथुरा और कृष्णा इंजीनियरिंग कॉलेज गाजियाबाद।

आईटी इन्फ्रास्ट्रक्चर को स्थापित करने में मिलेगी मदद

स्टार्टअप नीति-2020 से प्रदेश में निवेश को नया और बेहतर माहौल मिल सकेगा। उत्तर प्रदेश शासन द्वारा स्टार्ट-अप नीति के प्राविधानों के अनुसार अपने संस्थान में आईटी इन्फ्रास्ट्रक्चर को स्थापित करने तथा परिचालन के लिए प्राप्त होगी। स्टार्टअप के लिए विभिन्न संस्थानों में नेटवर्क प्रदान किए जाएंगे। इन संस्थानों में इन्क्यूबेट किए गए स्टार्टअप अब नई स्टार्टअप पॉलिसी में दिए गए प्रोत्साहनों के लिए आवेदन कर सकेंगे।

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