
मुन्ना बजरंगी हत्याकांड में बड़ा खुलासा, दोषी पाए गए ये अफसर, जांच के आदेश
लखनऊ. नौ जुलाई को पूर्वांचल के माफिया डॉन मुन्ना बजरंगी की गोली मरकर की गई हत्या मामले पर एक बड़ा खुलासा हुआ है। जिसमें जेलर और डिप्टी जेलर समेत पांच कर्मियों को दोषी ठहराया गया है। कारागार मुख्यालय ने कारागार मुख्यालय ने सभी को आरोप पत्र देकर तीन सप्ताह में जवाब मांगा है। जवाब मिलने पर आगे की कार्रवाई होगी। खबरों के माने तो इनमें से कम से कम तीन जेल कर्मियों की बर्खास्त किया जा सकता है।
ये लोग पाए गए दोषी
सूत्रों के मुताबिक माफिया डॉन मुन्ना बजरंगी हत्याकांड की जांच रिपोर्ट कारागार मुख्यालय को भेज दी है। इस रिपोर्ट में सामने आया कि बागपत जेल के तत्कालीन जेलर उदय प्रताप सिंह, डिप्टी जेलर शिवाजी यादव, एसपी सिंह, हेड वार्डर अरजिंदर सिंह, वार्डर माधव कुमार को दोषी है। वहीं इन सभी को चार्जशीट जारी कर तीन साप्ताह के अंदर जवाब देने को कहा गया है।
चौंकाने वाली बात आई सामने
इस मामले की जांच डीआईजी जेल आगरा ने की थी। जांच में चौंका देने वाली बात सामने आई है कि मुन्ना बजरंगी की हत्या के आरोपी सुनील राठी की जेल में मनमानी चलती थी। उससे मिलने आने वालों की कोई जांच नहीं होती थी और न ही उनकी कहीं एंट्री कराई जाती थी। पूरा जिला जेल प्रशासन सुनील राठी के आगे नतमस्तक था। बागपत के ही अन्य कैदी जो उसके करीबी थी, वह सब साथ में ही रहते थे।
ये था मामला
गौरतलब हो कि माफिया मुन्ना बजरंगी की नौ जुलाई को यूपी के बागपत जेल में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। मुन्ना बजरंगी की पूर्व बसपा विधायक लोकेश दीक्षित से रंगदारी मांगने के आरोप में बागपत कोर्ट में पेशी होनी थी। उसे झांसी से बागपत लाया गया था। पेशी से पहले ही उसे जेल में गोली मार दी गई। 7 लाख का इनामी बदमाश रह चुका सुपारी किलर सुनील राठी को मुन्ना बजरंगी की हत्या में आरोपी बनाया गया है।
ये माले दर्ज है मुन्ना बजरंगी पर
मुन्ना बजरंगी पर 40 हत्याओं, लूट, रंगदारी की घटनाओं में शामिल होने का केस दर्ज है। मुन्ना बजरंगी लखनऊ, कानपुर और मुंबई में क्राइम करता था। उस पर सरकारी ठेकेदारों से रंगदारी और हफ्ता वसूलने का भी आरोप था।
Published on:
07 Aug 2018 01:46 pm
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