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यूपी में प्रेरणा कैंटीन चला रहे हैं महिला स्वयं सहायता समूह, कमा रही हैं 6000 रुपए प्रतिमाह

राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन: आजीविका सृजित करना, जीवन बदलना। राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन गरीब महिलाओं का सशक्तिकरण कर रहा है। इन समूहों की महिलाएं 705 से अधिक प्रेरणा कैंटीन संचालित कर रही हैं। प्रेरणा कैंटीन चलाकर प्रतिमाह 6000 रुपए कमा रही हैं महिला सदस्य।

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लखनऊ. महिलाओं को सशक्त बनाने के उद्देश्य से, महिला स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) के सदस्य उत्तर प्रदेश में राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत प्रेरणा कैंटीन का सफलतापूर्वक संचालन कर रहे हैं। इस समय प्रदेश के सभी विकास भवनों और विकासखण्ड कार्यालयों में स्वयं सहायता समूहों की महिलाएं 705 से अधिक प्रेरणा कैंटीन संचालित की जा रही हैं।

गरीब महिलाओं का सशक्तिकरण कर रहा एसएचजी :- मिशन निदेशक भानु चंद्र गोस्वामी ने बताया कि ये एसएचजी गरीब तबके की महिलाओं को आर्थिक आजादी देकर उनका सशक्तिकरण कर रहे हैं। उन्हें अपना खुद का व्यवसाय स्थापित करने के लिए ऋण प्रदान किया जा रहा है।

6000 रुपए प्रति माह कमा रही हैं महिलाएं :- प्रेरणा कैंटीन के माध्यम से सहायता समूह से जुड़े प्रत्येक सदस्य की 6000 रुपए प्रति माह तक की आय हो रही है। कई महिलाओं के लिए प्रशिक्षण और प्रेरणा कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिन्होंने स्वेच्छा से कैंटीन शुरू करने का बीड़ा उठाया। ये स्वयं सहायता समूह जननी शिशु सुरक्षा योजना के तहत जिला और ब्लॉक स्तर के अस्पतालों में वंचित परिवारों की गर्भवती महिलाओं को भोजन भी उपलब्ध करा रहे हैं।

आजीविका मिशन यूपी में बदल रहा है महिलाओं का जीवन :- राज्य सरकार राज्य की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। वर्ष 2017 से, सरकार ने प्राथमिकता पर दस लाख से अधिक स्वयं सहायता समूह बनाए हैं, और एक करोड़ से अधिक महिलाएं अब अपनी आजीविका कमा रही हैं और अपने परिवार चलाने में योगदान कर रही हैं।

एक मिसाल कायम की :- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हमेशा ग्रामीण क्षेत्रों के विकास में महिला स्वयं सहायता समूहों की भूमिका की सराहना की है। कोविड के दौरान रोजगार संकट के बावजूद महिला स्वयं सहायता समूहों ने राज्य सरकार के ग्रामीण आजीविका मिशन की मदद से अपने लिए तो जीवनयापन का रास्ता बनाया ही बल्कि अन्य ग्रामीण महिलाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करके और उन्हें आगे बढ़ाकर एक मिसाल कायम की।

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