
SC की नोटिस के बाद घिरी योगी सरकार, विपक्ष ने कहा- एनकाउंटर में मुस्लिम-दलित निशाने पर
लखनऊ. उप्र में एनकाउंटर में एक जाति विशेष और धर्म विशेष के लोगों को मारे जाने का आरोप विपक्ष हमेशा से लगाता रहा है। जब योगी सरकार के 10 माह हुए तब 1100 से अधिक पुलिस एनकाउंटर हुए थे। इनमें 35 से अधिक कथित अपराधियों की मौत हुई थी। तब विधान परिषद में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसका श्रेय भी लिया था। और चेतावनी दी थी कि राज्य में अपराध पर नियंत्रण के लिए पुलिस एनकाउंटर जारी रहेंगे। तब मुख्यमंत्री ने दावा किया था कि 1200 एनकाउंटर में 40 ख़तरनाक अपराधी मारे गए हैं।
यह था सपा का आरोप
एनकाउंटर पर विपक्षी पार्टी समाजवादी पार्टी का कहना है कि योगी सरकार हर मोर्चे पर नाकाम रही इसलिए अपनी कमियों को छिपाने के लिए एनकाउंटर का सहारा लिया। समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी का कहना था कि सत्तारुढ़ नेता संविधान को ताक पर रखकर काम कर रहे हैं। उन्होंने राज्य सरकार पर आरोप लगाया कि एनकाउंटर में आम लोगों के अलावा अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया जा रहा है। साथ ही बदले की भावना से काम हो रहा है। चिन्हित करके लोगों के साथ अन्याय हो रहा है और उन्हें दंडित किया जा रहा है। पिछड़ी जाति, दलितों, अल्पसंख्यकों और किसानों को निशाना बनाया जा रहा है।
एनकाउंटर पर क्या कहते हैं अफसर
-पुलिस एनकाउंटर अधिकतर राज्य प्रायोजित होते हैं और 90 फ़ीसदी एनकाउंटर फर्जी होते हैं। जब राजनीतिक रूप से प्रायोजित एनकाउंटर होते हैं तो उनमें उस तबके के लोग होते हैं जो सत्ताधारी दल के लिए किसी काम के नहीं हैं या जिन्हें वो दबाना चाहते हैं।
एस.आर. दारापुरी,रिटायर्ड आईपीएस और उप्र पुलिस के पूर्व आईजी
-अपराधी जब निरंकुश हो जाएं तो ऐसे कदम उठाना आवश्यक हो जाता है और जब पुलिस पर ही हमला होने लगे तो गोली का जवाब गोली से ही देना पड़ता है। अपराध को समाप्त करने के लिए बहुत से काम करने होते हैं। और यह कहना गलत होगा कि सारे एनकाउंटर फर्जी थे।
प्रकाश सिंह, पूर्व डीजीपी, उत्तर प्रदेश
Published on:
02 Jul 2018 03:55 pm
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