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यूपी के युवाओं के लिये खुशखबरी, अब इस शहर में खुलेगा टीसीएस

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में टाटा कंसल्टेन्सी सर्विस (टीसीएस) कंपनी युवाओं के लिए रोजगार लेकर आई है।

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लखनऊ

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Akansha Singh

Jul 14, 2018

LUCKNOW

यूपी के युवाओं के लिये खुशशबरी, अब इस शहर में खुलेगा टीसीएस

लखनऊ. युवाओं के लिए प्रदेश सरकार सुनहरा मौका लेकर आई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में टाटा कंसल्टेन्सी सर्विस (टीसीएस) कंपनी युवाओं के लिए रोजगार लेकर आई है। इसके खुलने से न सिर्फ जिले वालों को ही बल्कि प्रदेश भर के युवाओं को रोजगार मिलेगा। टीसीएस का उद्घाटन स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे।

पीएम मोदी करेंगे लोकार्पण
आज 14 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाराणसी दौरे पर आएंगे। वे यहां टाटा कंसलटेंसी के रूप में बीपीओ का लोकार्पण करेंगे। बनारस में टीसीएस (टाटा कसन्लटेंसी सर्विस) के इस बीपीओ में शुरुआत में 400 युवा काम शुरू कर देंगे। शुभारंभ के अगले छह महीने में यह संख्या बढ़ाकर 15 सौ तक की जाएगी। इस योजना से न केवल बनारस बल्कि पूरे पूर्वांचल के हजारों युवाओं को रोजगार मिलेगा।

लखनऊ में टीसीएस पर हुआ था बवाल

लखनऊ में टीसीएस का कार्यालय 33 साल पुराना है। जानकारों के मुताबिक उस समय महज 50 कर्मचारियों से टीसीएस दफ्तर शुरू हुआ था। मौजूदा समय में करीब 1700 अधिकारी और कर्मचारी काम कर रहे हैं। इनके अलावा करीब 500 लोग हाउस कीपिंग, सिक्युरिटी और दूसरे कामों से जुड़े हैं। कंपनी के एक अफसर ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि कंसॉलिडेशन किया जाना है। लखनऊ के कर्मचारियों और उनके प्रॉजेक्ट्स को दूसरे ऑफिस में शिफ्ट किया जाएगा। कर्मचारियों में कंपनी के फैसले को लेकर असंतोष है। उनका कहना है कि पारिवारिक परिस्थितियों के कारण वे दूसरे शहर नहीं जा सकते।

1984 में खुला था टीसीएस दफ्तर
राजधानी में टीसीएस का काम 1984 से चल रहा है। वर्ष 1884 से 1988 तक इसका दफ्तर राणा प्रताप मार्ग पर था। इसके बाद 1988 से 2008 तक टीसीएस का दफ्तर स्टेशन रोड पर था। स्टेशन रोड से टाटा ग्रुप ने 2008 में टीसीएस का दफ्तर गोमतीनगर में शिफ्ट कर दिया।

TCS यानी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज लखनऊ से नोएडा शिफ्ट करने की तैयारी में थे। टीसीएस के वीपी आलोक कुमार और कुछ अधिकारी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने पहुंचे थे, लेकिन मुख्यमंत्री ने उनसे मिलने से इनकार कर दिया। जिसके बाद अधिकारियों न लखनऊ में कंपनी बंद करने का फरमान सुनाकर चले गए।