अध्यापक होंगे ट्रेंड राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत 10 से 19 वर्ष के युवाओं को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने के लिए कई कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। इसी के तहत कॉलेजों में क्लीनिक खोलने की तैयारी है। इन कॉलेजों में दो से तीन अध्यापकों को स्वास्थ्य विभाग प्रशिक्षित करेगा। विज्ञान के शिक्षकों को प्राथमिकता दी जाएगी। यह अध्यापक काउंसलर के रूप में संबंधित इंटर कॉलेजों के साथ ही अन्य कॉलेजों के किशोरों की भी काउंसलिंग करेंगे
इन समस्याओं का होगा समाधान किशोरों को यौन रोगों, कम उम्र में शादी से आने वाली समस्याएं। नशा उन्मूलन, संचार रोग, स्वास्थ्य विभाग की ओर से चलाए जाने वाले कार्यक्रम आदि के बारे में जानकारी दी जाएगी। किशोर काउंसलर को अपनी समस्या भी बता सकेंगे यदि समस्या गंभीर होगी तो उन्हें जिला अस्पताल यह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भेजा जाएगा।
क्या कहते हैं जानकार आनंद कुमार अग्रवाल उप महाप्रबंधक किशोर स्वास्थ्य ने बताया कि पहले चरण में हर मंडल में दो-दो क्लीनिक खोलने की तैयारी है। भविष्य में इनकी संख्या बढ़ाकर हर जिले में की जाएगी जिन अध्यापकों को काउंसलर बनाया जाएगा उन्हें एक हाजार रुपये 1000 मानदेय के तौर पर दिया जाएगा।