एक नजर में
- 54.24 लाख उपभोक्ताओं ने एक बार भी बिल नहीं भरा। इन पर 36,353 करोड़ बकाया
- 78.65 लाख उपभोक्ताओं ने छह माह से बिल भुगतान नहीं किया है। इन पर भी 36.117 करोड़ रुपये बकाया है।
- ग्रामीण क्षेत्र के 8,083 फीडरों में और शहरी क्षेत्रों के 859 फीडरों में तकनीकी वाणिज्यिक हानियां 50% से भी ज्यादा है।
पांच साल से नहीं बढ़ी दरें, राजस्व अंतर 12.4% बढ़ा
पांच साल से बिजली दरों में इजाफा नहीं हुआ है. लेकिन चार वर्षों में बिजली कंपनियों, कॉरपोरेशन के खर्च में 8.3%, राजस्व 6.7% दर से बढ़ा है। इससे राजस्व अंतर 12.4% की दर से बढ़ा है।
अब घाटा बस के बाहर
कॉरपोरेशन ने कहा कि अब और नुकसान सह पाना कॉरपोरेशन के लिए संभव नहीं है। उपभोक्ताओं से बिल वसूली का अंतर वर्ष 2023-24 में 2.92 रुपये प्रति यूनिट था, जो वित्तीय वर्ष 2024-25 में बढ़कर 3.28 रुपये प्रति यूनिट हो गया है। साल में 70,792 करोड़ रुपये का निवेश इन्फ्रास्ट्रक्चर बनाने और उपभोक्ता सेवा सुधार पर खर्च किए पर सफलता नहीं मिली। ट्रांसफॉर्मरों की क्षतिग्रस्तता 10% से ज्यादा है।