
Tiger Heritage
Tiger Operation: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के रहमान खेड़ा इलाके में तीन महीने से आतंक का कारण बना बाघ आखिरकार वन विभाग के हाथों रेस्क्यू हो गया। वन विभाग की 100 से अधिक अधिकारियों और कर्मचारियों की टीम लगातार 91 दिनों से इस बाघ को पकड़ने की कोशिश कर रही थी, लेकिन सफलता हाथ नहीं लग रही थी। बाघ अब तक 25 से अधिक जानवरों का शिकार कर चुका था, जिससे इलाके के लोग बेहद डरे हुए थे। बेंगलुरु से विशेष रूप से आई वन्यजीव विशेषज्ञों की टीम की मदद से इस बाघ को ट्रेंकुलाइज कर सुरक्षित पकड़ लिया गया। वन विभाग ने इसे जोन-2 में ट्रेंकुलाइज किया, जिसके बाद यह बेहोश हो गया।
रहमान खेड़ा क्षेत्र में बाघ की आमद तीन महीने पहले दर्ज की गई थी। ग्रामीणों और किसानों ने बाघ को खेतों और जंगलों में घूमते हुए देखा था। इसके बाद वन विभाग ने इसे पकड़ने के लिए एक विशेष ऑपरेशन शुरू किया। लेकिन बाघ बेहद चालाक था और किसी भी जाल में नहीं फंस रहा था।
वन विभाग की टीम ने बाघ को पकड़ने के लिए कैमरा ट्रैप, ड्रोन सर्विलांस और गश्ती दल की मदद ली। कई बार ट्रेंकुलाइज करने की कोशिश की गई, लेकिन हर बार बाघ बच निकलता था। इस बीच, बाघ ने 25 से अधिक पालतू और जंगली जानवरों का शिकार कर लिया, जिससे स्थानीय लोगों में दहशत बढ़ गई थी।
उत्तर प्रदेश वन विभाग ने आखिरकार बेंगलुरु से वन्यजीव विशेषज्ञों की एक टीम को बुलाया। इस टीम में अनुभवी डॉक्टर और ट्रेंकुलाइजेशन विशेषज्ञ शामिल थे। बुधवार को विशेषज्ञों की टीम ने बाघ की गतिविधियों का अध्ययन किया और सही समय पर उसे ट्रेंकुलाइज कर दिया। वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि बाघ को जोन-2 में ट्रेंकुलाइज किया गया और बेहोश होते ही उसे सुरक्षित पकड़ लिया गया। अब बाघ को एक सुरक्षित स्थान पर ले जाया जाएगा।
रहमान खेड़ा और आसपास के गांवों में बाघ के आतंक के कारण लोग रात में घर से बाहर निकलने से डरते थे। किसान खेतों में काम करने से बच रहे थे और पशुपालकों को अपने जानवरों की सुरक्षा को लेकर चिंता थी। बाघ के रेस्क्यू होने से स्थानीय लोग अब राहत महसूस कर रहे हैं।
बाघ को फिलहाल वन विभाग की निगरानी में रखा गया है। विशेषज्ञों की टीम उसके स्वास्थ्य की जांच कर रही है। अगर बाघ पूरी तरह से स्वस्थ पाया जाता है, तो उसे किसी संरक्षित जंगल या टाइगर रिजर्व में छोड़ दिया जाएगा। वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि यह बाघ संभवत किसी अन्य जंगल से भटक कर इस इलाके में आ गया था। अब इसे उचित स्थान पर शिफ्ट करने की योजना बनाई जा रही है।
वन विभाग ने स्थानीय लोगों से अपील की है कि अगर उन्हें भविष्य में कोई बाघ नजर आए, तो वे तुरंत वन विभाग को सूचित करें। वन विभाग के अधिकारी इसे सुरक्षित तरीके से रेस्क्यू करने के लिए उचित कदम उठाएंगे। रहमान खेड़ा में 90 दिन तक फैली दहशत का अंत हो गया है। वन विभाग और विशेषज्ञों की कड़ी मेहनत के चलते बाघ को सुरक्षित पकड़ लिया गया है। यह ऑपरेशन न केवल वन्यजीव संरक्षण के लिए एक बड़ी सफलता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि इंसानों और वन्यजीवों के बीच संतुलन बनाए रखना कितना जरूरी है।
Updated on:
06 Mar 2025 08:33 am
Published on:
06 Mar 2025 08:25 am
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