कुलदीप सेंगर पर शुक्रवार को सजा सुना दी गई है
उन्नाव. उन्नाव रेप केस के दोषी भारतीय जनता पार्टी से निष्कासित विधायक कुलदीप सेंगर पर शुक्रवार को उम्र कैद की सजा सुना दी गई है। इसके साथ ही सेंगर पर 25 लाख का जुर्माना देने की भी सजा सुनाई गई है।
16 दिसंबर को तीस हजारी कोर्ट ने कुलदीप सिंह सेंगर को दोषी करार दिया था। 18 दिसंबर को कुलदीप सिंह सेंगर की सजा पर चर्चा होनी थी जो टल कर आज शुक्रवार को हुई। सेंगर को अपहरण और रेप का दोषी पाया गया है। सजा पर बहस के दौरान सीबीआई ने कोर्ट से अधिकतम सजा की मांग की थी। 16 दिसंबर को दिल्ली की तीस हजारी अदालत ने सेंगर को धारा 376 और पॉक्सो के सेक्शन 6 के तहत दोषी ठहराया था, जबकि 17 दिसंबर को सजा पर बहस की गई थी। इसके बाद कोर्ट ने अगली सुनवाई से पहले कुलदीप सिंह सेंगर को अपनी आय और संपत्ति का पूरा ब्योरा देने का आदेश दिया था।
मंगलवार को सुनवाई के बाद दोषी विधायक को सजा सुनाने के लिए कोर्ट ने 18 दिसंबर यानी बुधवार का दिन तय किया था। फिर वह तारीख टल कर शुक्रवार 20 दिसंबर कर दी गई। अदालत ने कहा था कि वह जल्दबाजी में कोई फैसला नहीं करना चाहते हैं।
बता दें कि सेंगर को अपहरण और रेप का दोषी पाया गया है। 16 दिसंबर को दिल्ली की तीस हजारी अदालत ने सेंगर को धारा 376 और पॉक्सो के सेक्शन 6 के तहत दोषी ठहराया था। जबकि 17 दिसंबर को सजा पर बहस की गई थ। इसके बाद कोर्ट ने अगली सुनवाई से पहले कुलदीप सिंह सेंगर को अपनी आय और संपत्ति का पूरा ब्योरा देने का आदेश दिया था।
2017 से 2019 तक ऐसा बढ़ता गया मामला
मामला 4 जून 2017 का है। माखी थाना क्षेत्र के गांव से किशोरी को गांव के ही शुभम और उसका साथी कानपुर के चौबेपुर निवासी अवधेश तिवारी अगवा कर ले गए। पीड़िता की मां ने माखी थाने में तहरीर दी, जिसमें विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर पड़ोस की एक महिला के जरिए बहाने से घर बुलाकर रेप करने और इसके बाद उसके गुर्गों द्वारा गैंगरेप करने का आरोप लगाया। पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज नहीं की।
11 जून 2017: पीड़ित परिवार की शिकायत पर दोनों युवकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई।
21 जून 2017: 10 दिन बाद पुलिस नाबालिग का पता लगा सकी और बरामद कर उसे परिवार को सौंपा।
22 जून 2017 पीड़िता ने मजिस्ट्रेट को दिए बयान में तीन लोगों पर सामूहिक दुष्कर्म करने का आरोप लगाया।
01 जुलाई 2017- कोर्ट में दिए पीड़िता के बयान के आधार पर पुलिस ने सामूहिक दुष्कर्म का मामला दर्ज कर कोर्ट में चार्जशीट दायर की।
22 जुलाई 2017– पीड़िता ने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को पत्र लिख इंसाफ की गुहार लगाई। पीड़िता ने इस पत्र में बताया कि विधायक सेंगर ने उसके साथ दुष्कर्म किया।
30 अक्टूबर 2017– विधायक की तरफ से पीड़िता और उसके परिवार के खिलाफ माखी थाने में मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया गया।
22 फरवरी 2018– पीड़िता ने जिला अदालत से मांग की थी कि विधायक सेंगर को दुष्कर्म मामले में आरोपी बनाया जाए।
03 अप्रैल 2018– आरोपी विधायक के भाई अतुल सिंह सेंगर ने साथियों संग पीड़िता के पिता से मारपीट की और उनपर जानलेवा हमला भी किया।
04 अप्रैल 2018– मारपीट मामले में पुलिस ने विधायक के दबाव में पीड़िता के पिता के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर जेल भेज दिया।
09 अप्रैल 2018– जेल में पीड़िता के पिता की हालत दिन-पर-दिन खराब होती गई और आखिरकार उन्होंने जेल में ही दम तोड़ दिया। पुलिस पर जेल में पीड़िता के पिता को प्रताड़ित करने का आरोप लगा तो उसने दबाव में विधायक के भाई को गिरफ्तार कर लिया।
13 अप्रैल 2018– सीबीआई ने सुबह चार बजे दुष्कर्म मामले में आरोपी भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को हिरासत में लिया। लंबी पूछताछ के बाद शाम को उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
08 मई 2018– सीबीआई ने विधायक के खिलाफ सबूत पेश किया, इसके बाद उसे उन्नाव से सीतापुर जेल में स्थानांतरित कर दिया गया।
17 मई 2018– जेल में बंद पीड़िता के पिता की हिरासत में मौत के मामले में दो पुलिसकर्मी गिरफ्तार हुए।
11 जुलाई 2018 सीबीआई ने दुष्कर्म मामले में चार्जशीट दायर की, जिसमें विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को भी आरोपी बनाया गया।
13 जुलाई 2018: दुष्कर्म मामले में सीबीआई ने दूसरी चार्जशीट दायर की। इसमें विधायक के अलावा उसके भाई अतुल सिंह सेंगर और तीन पुलिसकर्मियों समेत पांच अन्य लोगों को भी आरोपी बनाया।
18 अगस्त 2018: दुष्कर्म मामले के मुख्य गवाह यूनुस की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई है।
04 जुलाई 2019: पीड़िता के चाचा को 19 साल पुराने एक मामले में कोर्ट ने 10 साल के कारावास की सजा सुनाई। खास बात ये है कि 19 साल पुराना ये मामला आरोपी विधायक के भाई अतुल सिंह सेंगर की तरफ से दर्ज कराया गया था। अतुल भी उन्नाव दुष्कर्म केस में मुख्य आरोपी है।
12 जुलाई 2019: पीड़िता की तरफ से तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई को पत्र लिखा, आरोपी विधायक और उसके लोगों की तरफ से पूरे परिवार को जान को खतरा बताया गया।
28 जुलाई 2019: रायबरेली के गुरुबख्शगंज थाना क्षेत्र में ट्रक व कार की टक्कर में पीड़िता की चाची और मौसी की मौत. पीड़िता और कार चला रहे उनके वकील गंभीर रूप से घायल हुए।
29 जुलाई 2019: सड़क दुर्घटना मामले में रायबरेली के गुरुबख्शगंज थाने में विधायक कुलदीप सिंह सेंगर, उसके भाई मनोज सिंह सेंगर, विनोद मिश्र, हरिपाल सिंह, नवीन सिंह, कोमल सिंह, अरुण सिंह, ज्ञानेंद्र सिंह, रिंकू सिंह, वकील अवधेश सिंह सहित 15-20 अज्ञात लोगों को आरोपी बनाते हुए आईपीसी की धारा- 302, 307, 506 व 120बी के तहत हत्या, जानलेवा हमला, जान से मारने की धमकी और आपराधिक साजिश का केस दर्ज।
30 जुलाई 2019 : पीड़िता द्वारा चीफ जस्टिस को लिखा गया पत्र सामने आया।
31 जुलाई 2019 : चीफ जस्टिस ने सुप्रीम कोर्ट के सेक्रेट्री जनरल को पत्र बेंच के समक्ष प्रस्तुत होने में हुई देरी की जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश दिया।
01 अगस्त 2019: सुप्रीम कोर्ट ने उन्नाव दुष्कर्म कांड से जुड़े सभी पांच मामलों को दिल्ली ट्रांसफर करने का आदेश दिया। 45 दिन में केस की सुनवाई पूरी करने की बात कही गई।
11 अक्टूबर: उन्नाव रेप पीड़िता के साथ हुए सड़क हादसे के मामले में विधायक कुलदीप