
प्रशांत श्रीवास्तव, लखनऊ. 'मंजिलें उनको मिलती है जिनके हौसलों में जान होती है...'यूपी बोर्ड परीक्षा में कई ऐसे छात्र सफल हुए जिनके हौसलों ने कठिनाइयों को मात देते हुए मंजिल पा ली। रविवार दोपहर जब यूपी बोर्ड ? की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट परीक्षा के परिणाम आए तो ये चेहरे खिल उठे। इनके साथ-साथ इनके माता-पिता और शिक्षक भी खुदा का शुक्रिया करते नजर आए। इस बार दसवीं में 75.46 प्रतिशत बच्चे तो वहीं इंटरमीडिएट 72.43 प्रतिशत बच्चे पास हुए हैं। छात्र upresults.nic.in या results.patrika.com पर जाकर अपना रिजल्ट देख सकते हैं। जानें कुछ कामयाब छात्रों की सक्सेस स्टोरी-
ये रहे राजधानी के टॉपर्स
इंटरमीडिएट परीक्षा में एसकेडी एकेडमी की कीर्ति सिंह और लखनऊ पब्लिक स्कूल (एलपीएस) के अंकुश सोनकर 91.8 फीसदी नंबर लाकर राजधानी में टॉप पर रहे। दोनों को यूपी बोर्ड की टॉप 10 सूची में संयुक्त रूप से 5वीं पोजीशन हासिल हुई है। वहीं एलपीएस की ही अरीशा पाठक ने 91.40 प्रतिशत अंक हासिल करके प्रदेश में सातवां और लखनऊ में दूसरा स्थान हासिल किया है।हाईस्कूल परीक्षा में एलपीएस की अलमास खान ने 93.67 प्रतिशत नंबर लाकर राजधानी में पहला व प्रदेश में छठा स्थान हासिल किया है।
किसान के बेटा ने किया कमाल
राजधानी के कुबेरनाथ ने 89.8% अंक लाकर अपने किसान पिता का सपना पूर कर दिया।कुबेरनाथ के पिता इंद्रभान किसान हैं।माँ रामवती देवी हाउस वाइफ हैं। लखनऊ में यहां रूम लेकर पढाई की है।जेईई मेंस दिया है।उनके लक्ष्य आईआईटी से एयरो स्पेस इंजिनीयरिंग के बाद आईएएस की तैयारी करने का है ।वह आईएएस बनना चाहते हैं।पिता की खेती से और कोचिंग पढ़ाकर अपना खर्च निकाला और अपना और अपने भाई को पढ़ाया।इसके अलावा जीजा ब्रज नारायण पेशे से मिस्त्री हैं, ये 2000 महीना देते हैं।इससे ही खर्च चलता है।
पिता बस कंडक्टर, बेटी ने नाम किया रोशन
राजधानी के एसकेडी एकेडमी में पढ़ने वाली शिवानी यादव ने हाई स्कूल में 80.33% प्राप्त किए । उनके पिता गणेश चंद्र यादव में बस कंडक्टर हैं। लगभग 6 हज़ार रुपये महीना कमाते हैं। वह फैज़ाबाद के रानेपुर गावँ के रहने वाले हैं। यहां रूम लेकर रहते हैं।ये अपने भाई , बेटे को यहां पढ़ा चुके हैं। शिवानी यादव सीए बनना चाहती हैं। लखनऊ में उनका परिवार पारा के पास एक झोपड़ी में रहता है। खास बात ये है शिवानी ने बिना किताबो के पढ़ाई। वह लाइब्रेरी और दोस्तों से किताब लेकर पढाई करती हैं।
टॉफी-कंपट बेचने वाले के बेटे ने जिले में किया टॉप
उन्नाव के एसबीएम इंटर कॉलेज पूरन नगर के छात्र रविशंकर तिवारी ने इंटर की मेरिट लिस्ट में टॉप 10 में अपना नाम दर्ज करा कर जिले का नाम रोशन किया। 90.8% अंकों के साथ यूपी के टॉप 10 में शामिल होने वाले रवि शंकर तिवारी ने अपनी सफलता का श्रेय स्कूल की टीचर और अपने मां-बाप को दिया है। रविशंकर के पिताजी कुशल मंगल तिवारी टॉफी कंपट बेचने का व्यवसाय करते हैं। कुशल तिवारी का कहना है कि उन्होंने टॉफी कंपट बेचकर बच्चे को पढ़ाया है। कभी कोई कमी नहीं रहने दी। आपको बता दें कि सीएम योगी ने यूपी को टॉपर्स की बधाई दी व उन्हें खास सम्मान देने की घोषणी की है।
पिता कारपेंटर बेटी ने मनवाया लोहा
राजधानी की अंजना शर्मा ने 82% के साथ परीक्षा उत्तीर्ण की है।पिता कृष्ण कुमार शर्मा कारपेंटर हैं।विक्रम नगर लखनऊ के रहने वाले हैं।पिता ने इनके स्कूल में काम किया और बाहर भी काम करके बेटी को पढ़ाया है।अंजना के 5 भाई बहन हैं।सेल्फ स्टडी ही की है। 4 से 5 घंटे पढाई करती थी। आर्थिक रूप से कमजोर होने के कारण ये बीएससी करेंगी लेकिन दिल में इंजीनियर बनने का भी सपना है।
धोबी पिता की बेटी बनना चाहती है सिविल इंजीनियर
अंशु कनौजिया ने इंटर में 86.8% अंक के साथ परीक्षा उत्तीर्ण की।पिता अन्नू कनौजिया पेश से धोबी हैं।पारा में रहते हैं।सेलफ़ स्टडी की है।स्कूल के टीचर्स से सहयोग मिला।वह स्कूल लाइब्रेरी से बुक लेकर पढ़ती थी।प्रतिदिन 7 घण्टे पढाई की है।अंशु कनौजिया आगे चलकर सिविल इंजिनीयर बनना चाहती हैं।आगे चलकर खुद के घर को बेहतरीन तरीके से बनाना है।
पिता लोहार, बेटे ने मनवाया टैलेंट का 'लोहा'
राजधानी के अनिकेत शर्मा के इंटर में 86.2 % आये हैं।पिता प्रभुदयाल शर्मा लोहार का काम करते हैं।माँ का नाम मंजू शर्मा है।अनिकेत आहे चलकर इलेक्ट्रॉनिक्स में इंजीनियर बनना चाहते हैं।किताबे स्कूल लाइब्रेरी से लेकर पढाई करते थे।मन में इच्छा थी की अच्छा करना है।9 से 10 घंटे पढाई करते थे।इनके 4 भाई बहन हैं।
पिछले सात साल में सबसे कम पास प्रतिशत
पिछले साल वर्षो में इस बार छात्रों का पास प्रतिशत निश्चित काफी कम माना जाएगा। इससे पहले के वर्षो में यह प्रतिशत हमेशा 80 फीसदी से ऊपर ही रहा है।
हाईस्कूल परीक्षा परिणाम
वर्ष -उत्तीर्ण प्रतिशत
2018 -75.16
2017- 81.43
2016- 87.66
2015 -83.74
2014 -86.71
2013 -86.63
2012 -83.75
इंटर मीडिएट परीक्षा परिणाम
वर्ष -प्रतिशत
2018 -72.43
2017 -82.84
2016 -87.99
2015 -88.83
2014 -92.21
2013 -92.68
2012 -89.40
Published on:
29 Apr 2018 07:52 pm
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