
यूपी सीएम योगी ने यूपी कोआपरेटिव बैंक के एमडी को किया निलम्बित, 53 भर्तियों पर भी आया संकट
लखनऊ. यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने यूपी कोआपरेटिव बैंक के प्रबंध निदेशक रविकांत सिंह को उनके पद से निलंबित कर दिया है। सहकारिता मंत्री मुकुट बिहारी वर्मा, सहकारिता के प्रमुख सचिव तथा आरोपी एमडी रविकांत सिंह को इस मामले की कोई सूचना नहीं मिली है। अगर रविकांत सिंह को निलम्बित कर दिया गया है तो उसका अधिकारिक आदेश गुरूवार को जारी किया जा सकता है।
सहायक प्रबंधक पद की 53 भर्तियां होगी निरस्त
बताया जा रहा है कि रविकांत सिंह के निलम्बन के साथ ही सहायक प्रबंधक के पद पर हुईं 53 भर्तियों को भी निरस्त करने का फैसला लिया गया है। इसका साथ ही बताया गया कि कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. प्रभात कुमार ने कार्रवाई की पुष्टि की है। सहायक प्रबंधक के पद पर हुईं 53 भर्ती घोटाले में सपा सरकार के तत्कालीन सहकारिता मंत्री और उनके करीबियों पर चहेतों की भर्ती कराने के आरोप बताया जा रहा है।
जांच के आधार पर ही किया निलंबित
इसके सात ही उन्होंने बताया है कि मुख्यमंत्री ने आर के सिंह के खिलाफ हुई जांच के आधार पर ही निलंबित करने का फैसला किया है। आर के सिंह को कारण बताने का भी नोटिस दिया जाएगा। इसके साथ उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई भी की जा सकती है। उन्होंने कहा कि सरकार भ्रष्टाचार के मामले में जीरो टॉलरेन्स की नीति पर जोरों से काम कर रही है। एपीसी शाखा से जुड़े विभागों में आगे भी ऐसे प्रकरणों में कड़ी कार्रवाई की जा सकती है।
मंत्री और अधिकारियों के करीबी को बांटी गई नौकरियां
यूपीसीबी में सहायक प्रबंधक के 53 पदों पर नियमों में ढील देने के साथ ही मंत्री, विधायकों और अधिकारियों के बेटे-बेटियों और करीबी रिश्तेदारों को चयनित किया गया है। सेवा मंडल अध्यक्ष, सदस्य, तत्कालीन सहकारिया मंत्री, सहकारिता के विभिन्न विभागों से जुड़े कई वरिष्ठ अधिकारी, ट्रेड यूनियन नेता, आयोगों और बोर्डों के चेयरमैन आदि के बेटे-बेटियां और करीबी रिश्तेदारों को इन पदों पर तैनाती दी गई है।
रविकांत सिंह पर लगाए गए कई गंभीर आरोप
एमडी रविकांत सिंह के खिलाफ मिली शिकायतों की जांच एपीसी ने पीसीएफ के प्रबंध निदेशक प्रमोद कुमार उपाध्याय से कराई थी। आरके सिंह पर 2015 में हुई 53 सहायक प्रबंधकों की भर्ती में गड़बड़ी करने, धोखाधड़ी कर दो चीनी मिलों को लाभ पहुंचाने और यूपीसीबी भवन में वर्षों से किरायेदार रहे आईडीबीआई और एक्सिस बैंक से भवन खाली कराकर बैंक को आर्थिक नुकसान पहुंचाने के साथ ही अन्य आरोप भी लगे थे। जांच अधिकारी ने आरोपों को सही पाया था। जिसके बाद उन्होंने अपनी रिपोर्ट एपीसी को दी थी। एपीसी ने आरके सिंह के निलंबन की संस्तुति करते हुए फाइल मुख्य सचिव के माध्यम से मुख्यमंत्री को भेजी थी।
विभाग को नहीं थी कोई जानकारी
सहकारिता मंत्री मुकुट बिहारी वर्मा, सहकारिता के प्रमुख सचिव तथा आरोपी एमडी रविकांत सिंह को देर रात तक सीएम योगी के इस फैसले की कोई सूचना नहीं थी। सबने ऐसी किसी सूचना से इंकार कर दिया था। माना जा रहा है कि अब गुरुवार को निलंबन का अधिकारिक आदेश विभाग की तरफ से जारी किया जा सकता है।
Published on:
04 Oct 2018 11:39 am
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