UP Goes Smart: उत्तर प्रदेश में बिजली व्यवस्था को पारदर्शी और उपभोक्ता हितैषी बनाने के लिए स्मार्ट मीटर लगाने का कार्य जोरों पर है। उपभोक्ताओं को निःशुल्क स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं, जिससे अधिक बिल की समस्या, रीडिंग विवाद और बिजली आपूर्ति की गड़बड़ियों से राहत मिलेगी। यह अभियान तेजी से प्रगति पर है।
UP Smart Meters: उत्तर प्रदेश में बिजली वितरण प्रणाली को आधुनिक और पारदर्शी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। राज्य में अब उपभोक्ताओं के घरों पर स्मार्ट मीटर निःशुल्क लगाए जा रहे हैं, जिससे न केवल बिजली बिल की शिकायतों में कमी आएगी, बल्कि बिजली की आपूर्ति और नियंत्रण व्यवस्था भी बेहतर होगी। यह काम केंद्र सरकार की रिवैम्प्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम (RDSS) के तहत किया जा रहा है। इस योजना का क्रियान्वयन पोलारिस स्मार्ट मिटरिंग प्राइवेट लिमिटेड द्वारा किया जा रहा है, जिसे उत्तर प्रदेश के चार प्रमुख जोनों के 15 सर्कलों में स्मार्ट मीटर लगाने की ज़िम्मेदारी सौंपी गई है।
प्रदेश के सभी प्रकार के बिजली उपभोक्ताओं के घरों पर स्मार्ट मीटर बिना किसी शुल्क के लगाए जा रहे हैं। विभागीय अधिकारियों के अनुसार, उपभोक्ताओं से किसी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जा रहा है और यदि कोई ऐसा करता पाया गया तो उस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। मीटर उपभोक्ताओं के घर या प्रतिष्ठान के बाहर पारदर्शी ढंग से लगाए जा रहे हैं। शिकायतों की निगरानी विभागीय टीम और कार्यदायी संस्था दोनों द्वारा की जा रही है।
स्मार्ट मीटर बिजली आपूर्ति और खपत की डिजिटल निगरानी में सक्षम होते हैं। ये मीटर रियल टाइम में उपभोक्ता की बिजली खपत का डेटा दर्ज करते हैं और बिना किसी मैन्युअल रीडिंग के हर महीने सटीक बिल उपलब्ध कराते हैं।
स्मार्ट मीटर के आने के बाद सबसे बड़ी चिंता थी,बिल अधिक आने की संभावना। लेकिन बिजली विभाग के अधिकारियों और पोलारिस कंपनी के प्रतिनिधियों ने स्पष्ट किया है कि बिल केवल उतनी ही खपत का आएगा जितनी बिजली उपभोक्ता ने इस्तेमाल की है। कोई अतिरिक्त शुल्क या गड़बड़ी नहीं होगी। ज्यादा बिल आने की भ्रांति को दूर करने के लिए "चेक मीटर" जैसी प्रणाली से उपभोक्ताओं को संतुष्ट किया जा रहा है।
योजना केवल घरेलू या निजी उपभोक्ताओं तक ही सीमित नहीं है। सरकारी भवनों, कार्यालयों और सरकारी आवासों में भी अनिवार्य रूप से स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं। यूपीपीसीएल के निर्देशों के अनुसार यह प्रक्रिया तीव्रता से संचालित की जा रही है, जिससे पूरे राज्य में बिजली व्यवस्था का पूर्ण डिजिटलीकरण सुनिश्चित किया जा सके।
कार्यदायी संस्था पोलारिस स्मार्ट मिटरिंग प्राइवेट लिमिटेड इन स्मार्ट मीटरों की स्थापना के साथ-साथ जागरूकता अभियान भी चला रही है। घर-घर जाकर टीम उपभोक्ताओं को स्मार्ट मीटर के लाभ, प्रक्रिया, सुरक्षा और पारदर्शिता के बारे में जानकारी दे रही है। इसका उद्देश्य उपभोक्ताओं के मन में किसी भी प्रकार की भ्रांति या संदेह को दूर करना है।
राज्य के चार प्रमुख ज़ोन सीतापुर, रायबरेली, अयोध्या और देवीपाटन में स्मार्ट मीटर लगाने का कार्य जोरों पर है। इसमें अब तक लाखों मीटर लग चुके हैं। नीचे प्रत्येक जोन और सर्कल में लगे मीटरों का विस्तृत विवरण दिया गया है:
सीतापुर जोन:
देवीपाटन जोन:
अयोध्या जोन:
रायबरेली जोन:
पोलारिस स्मार्ट मिटरिंग प्राइवेट लिमिटेड के पब्लिक रिलेशन मैनेजर प्रसून पांडेय के अनुसार, “अब तक चारों जोनों के 15 सर्कलों में कुल 4,04,191 मीटर लगाए जा चुके हैं। हम तय समयसीमा के भीतर लक्ष्य को पूरा करने के लिए लगातार प्रयासरत हैं।”
इस योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए बिजली विभाग के अधिकारी पूरी तरह तत्पर हैं। प्रत्येक स्तर पर निगरानी और फॉलोअप किया जा रहा है ताकि उपभोक्ताओं को कोई असुविधा न हो। किसी भी शिकायत या समस्या के लिए हेल्पलाइन और स्थानीय कंट्रोल रूम को सक्रिय किया गया है।