11 दिसंबर 2025,

गुरुवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

ऐसे कराएं अग्रिम जमानत अर्जी, लगेगा सिर्फ पांच रुपये का स्टांप

- सरकार ने जारी की गाइड लाइन- पहले सेशन कोर्ट में करनी होगी दाखिल

3 min read
Google source verification

लखनऊ

image

Akansha Singh

Jul 05, 2019

news,Madras High Court,Chennai,Tamilnadu,Special,Breaking,Chennai news in hindi,

chennai news in hindi :हाईकोर्ट ने तमिलनाडु सरकार के संशोधन को घोषित किया अवैध

लखनऊ. अब सिर्फ पांच रुपये के स्टांप से अग्रिम जमानत (Anticipatory bail) की अर्जी दी जा सकेगी। इसके लिये इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabd Highcourt) ने प्रदेश में अग्रिम जमानत अर्जी दाखिल करने की गाइडलाइन जारी की है। गिरफ्तारी की आशंका वाले व्यक्ति की अर्जी हलफनामे के साथ दाखिल होगी। अर्जी के दूसरे प्रस्तर में केस क्राइम नंबर, थाना, अपराध की धाराएं दर्ज होंगी, जबकि गैर जमानती अपराध में गिरफ्तारी की आशंका की वजह बतानी होगी। अर्जी के तीसरे प्रस्तर में यह लिखना होगा कि अपराध सीआरपीसी (CRPC) की धारा 438 की उपधारा 6 के अंतर्गत नहीं है। इसी प्रकार अर्जी के चौथे प्रस्तर में यह लिखना होगा कि इससे पहले उसने हाईकोर्ट या किसी अन्य अदालत में अर्जी दाखिल नहीं की है। पांचवें प्रस्तर में यह लिखना होगा कि क्या सत्र न्यायालय में कोई अग्रिम जमानत की अर्जी दाखिल की गई है, तो उसकी स्थिति क्या है, उससे जुड़ा दस्तावेज भी लगाया जाए। विशेष कार्याधिकारी (आपराधिक) ने एक जुलाई 2019 को इस आशय का आदेश जारी किया है।

यह भी पढ़ें - अब लखनऊ में भी होगा आधे घुटने का प्रत्यारोपण, आयेगा इतना खर्च

अग्रिम जमानत से जुड़ी अर्जी को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सत्र न्यायालय में दाखिल करने का निर्देश दिया। कोर्ट का कहना है कि अग्रिम जमानत पर सुनवाई का अधिकार हाई कोर्ट व सत्र न्यायालय दोनों को है। अत: अर्जी सत्र न्यायालय में दाखिल की जाए। इसके बाद वह हाई कोर्ट आ सकती है। कोर्ट ने कहा कि अग्रिम जमानत के लिए सीधे हाई कोर्ट आने के बाद वादकारी को सत्र न्यायालय जाने का अवसर समाप्त हो जाएगा। यह आदेश न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा ने नोएडा के प्रेम चौहान की अग्रिम जमानत को लेकर दाखिल की गई अर्जी की सुनवाई करते हुए दिया है। कोर्ट ने अर्जी को वापस करते हुए उसे खारिज कर दिया है। याची के खिलाफ नोएडा के सेक्टर 39 थाने में दुराचार के आरोप में प्राथमिकी दर्ज है। उसने अग्रिम जमानत पर रिहा होने के लिए हाई कोर्ट में अर्जी लगाई थी। कोर्ट ने कहा कि पहले सत्र न्यायालय में अर्जी दाखिल की जाए। यदि सत्र न्यायालय में जमानत नहीं मिलती तो उसके बाद हाई कोर्ट आने का विकल्प खुला रहेगा।

यह भी पढ़ें - UP CM Yogi Adityanath का बड़ा ऐलान, इन 15 हजार युवाओं को देगी Sarkari Naukri

अग्रिम जमानत क्या है

अग्रिम जमानत न्यायालय का वह निर्देश है जिसमें किसी व्यक्ति को, उसके गिरफ्तार होने के पहले ही, जमानत दे दिया जाता है। भारत के आपराधिक कानून के अन्तर्गत, गैर जमानती अपराध के आरोप में गिरफ्तार होने की आशंका में कोई भी व्यक्ति अग्रिम जमानत का आवेदन कर सकता है। अदालत सुनवाई के बाद सशर्त अग्रिम जमानत दे सकती है। यह जमानत पुलिस की जांच होने तक जारी रहती है। अग्रिम जमानत का यह प्रावधान भारतीय दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 438 में दिया गया है। भारतीय विधि आयोग ने अपने 41वें प्रतिवेदन में इस प्राविधान को दण्ड प्रक्रिया संहिता में सम्मिलित करने की अनुशंसा की थी। अग्रिम जमानत का आवेदन करने पर अभियोग लगाने वाले को इस प्रकार की जमानत की अर्जी के बारे में सूचना दी जाती है ताकि वह चाहे तो न्यायालय में इस अग्रिम जमानत का विरोध कर सके।

यह भी पढ़ें - Lucknow Airport को लेकर हुआ बड़ा ऐलान, Modi Govt ने दी मंजूरी

अग्रिम जमानत के लिए आवेदन कैसे करें?

- पूर्व-गिरफ्तारी नोटिस / जमानत नोटिस और अग्रिम जमानत के लिए आवेदन करने के लिए एक वकील से संपर्क करें,
- तथ्यों के आपके संस्करण का उल्लेख करते हुए एक अग्रिम जमानत का मसौदा तैयार करने के लिए वकील प्राप्त करें।
- उपयुक्त जिला अदालत में आवेदन करें।
- जब मामला सुनवाई के लिए आता है, तो यह सलाह दी जाती है कि आपका वकील एक विश्वसनीय व्यक्ति के साथ हो।

यह भी पढ़ें -जहरीली शराब पर UP CM Yogi Adityanath का बड़ा कदम, बिक्री पर लगेगा Rasuka और Gangster Act