सरकार ने वापस लिया आदेश सरकार ने मोबाइल बैन के आदेश को कुछ शर्तों के साथ वापस लिया है। रोगियों व स्वास्थ्यकर्मियों के संक्रमण को देखते हुए कोविड-19 अस्पताल में मोबाइल इस्तेमाल पर कुछ नियम लागू किए गए हैं।
1- आइसोलेशन वार्ड में जाने से पहले रोगी को यह डिस्क्लोज करना होगा कि उसके पास मोबाइल और चार्जर है। 2- मोबाइल या चार्जन रोगी द्वारा किसी अन्य रोगी या स्वास्थ्य कर्मी द्वारा साझा नहीं किया जाएगा।
3- आइसोलेशन वार्ड में मरीज के अंदर भर्ती होने से पहले मोबाइल व चार्जर को चिकित्सालय द्वारा डिसइंफेक्ट किया जाएगा। 4- आइसोलेशन वार्ड से डिस्चार्ज के समय मोबाइल व चार्जर को चिकित्सालय प्रबंधन द्वारा डिसइंफेक्ट करने के बाद मरीज को दिया जाएगा।
5- आइसोलेशन वार्ड से निकलने के बाद मरीज मोबाइल और चार्जर होने की जानकारी दोबारा देगा। पत्र में कहा गया है कि इस आदेश का कड़ाई से पालन किया जाना जाए और इससे पहले प्रेषित किए गए पत्र को इस सीमा तक संशोधित समझा जाए।
इससे पहले उत्तर प्रदेश के महानिदेशक केके गुप्ता की तरफ से जारी आदेश में कहा गया था कि प्रदेश के कोविड समर्पित एल-2 और एल-3 चिकित्सालयों में भर्ती मरीजों को आइसोलेशन वार्ड में मोबाइल फोन ले जाने की अनुमति नहीं होगी, क्योंकि इससे संक्रमण फैलता है। बल्कि चिकित्सालयों में भर्ती कोविड संक्रमित मरीजों को अपने परिजनों से बात कराने और शासन या अन्य किसी से बात करने के लिए दो मोबाइल फोन कोविड केयर सेंटर के वार्ड इंचार्ज के पास रखवाए जाएं। लेकिन उन मोबाइल फोन के लिए इंफेक्शन प्रिवेंशन कंट्रोल का अनुपालन सुनिश्चित करना होगा। आदेश में ये भी कहा गया है कि वार्ड इंचार्ज के पास रखे गए दोनों फोन का मोबाइल नंबर मरीजों के परिजनों और स्वास्थ्य निदेशालय को उपलब्ध कराया जाए ताकि जरूरत पड़ने पर मरीजों से समय-समय पर बात करना संभव हो सके।