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पारंपरिक धरोहर को बयां करेगा विंध्य धाम, काशी, मथुरा और अयोध्या की तर्ज पर होगा विकास

UP Government Vindhyadham development updates- प्रदेश के मुख्य जिलों में धार्मिक स्थानों को इस तरह विकसित किया जाएगा कि यह आस्था के साथ-साथ पर्यटन को बढ़ावा देने का भी केंद्र बने। इसी कड़ी में विंध्य क्षेत्र का विकास होगा जो कि वाराणसी, अयोध्या और मथुरा की तर्ज पर तैयार किया जाएगा।

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UP Government Vindhyadham development updates

UP Government Vindhyadham development updates

लखनऊ. UP Government Vindhyadham development updates. उत्तर प्रदेश की योगी सरकार राज्य में पर्यटन (UP Tourism) को बढ़ावा देने के लिए जल्द ही विंध्य क्षेत्र के विकास पर जोर देगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) के ड्रीम प्रोजेकेट विंध्य कॉरिडोर के शिलान्यास की घड़ी भी नजदीक आ गई है। प्रदेश के मुख्य जिलों में धार्मिक स्थानों को इस तरह विकसित किया जाएगा कि यह आस्था के साथ-साथ पर्यटन को बढ़ावा देने का भी केंद्र बने। इसी कड़ी में विंध्य क्षेत्र का विकास होगा जो कि वाराणसी, अयोध्या और मथुरा की तर्ज पर तैयार किया जाएगा।

आस्था का नया केंद्र होगा स्थापित

उत्तर प्रदेश प्राचीन पर्यटन का केंद्र है। काशी में प्रवासी भारतीय सम्मेलन हो या फिर अयोध्या में दीपोत्सव महोत्सव, ब्रज तीर्थ में होली के अवसर पर रंगोत्सव का उल्लास, ये सब उत्तर प्रदेश में धार्मिक महत्व को बरकरार रखने के साथ-साथ टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए आयोजित किया गया है। यूपी के प्रमुख जिलों में मंदिरों को भव्य रूप देकर आस्था का नया केंद्र स्थापित किया जा रहा है।

धार्मिक तीर्थ स्थलों का सबसे बड़ा केंद्र विंध्यवासिनी धाम

धार्मिक स्थलों का सबसे बड़ा केंद्र विंध्वायसिनी धाम है। मंगलवार को धाम में दर्शन करने पहुंचे विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने कहा कि विंध्यक्षेत्र का विकास अयोध्या, काशी और मथुरा की तर्ज पर कराया जाएगा। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि माता के दरबार में अलग तरह की अनुभूति होती है। विंध्य कॉरिडोर योजना के संबंध में बताया कि धार्मिक तीर्थ स्थलों का सबसे बड़ा केंद्र विंध्यवासिनी धाम है। जैसे अयोध्या, मथुरा और वृंदावन का विकास हुआ है, उसी तरह यहां का भी विकास कराया जाएगा।

विंध्य कॉरिडोर की कुल लागत 331 करोड़ रुपये

विंध्य कॉरिडोर का काम नवंबर 2020 में शुरू हुआ था। इसके अक्टूबर 2021 तक साकार होने की उम्मीद है। विंध्य कॉरिडोर की कुल लागत 331 करोड़ रुपए है। मंदिर से लगे चार प्रमुख मार्गों के चौड़ीकरण के लिए करीब 33 करोड़ रुपए की वित्तीय एवं प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त हो गई है। विंध्य कॉरिडोर के बनने पर इसका हर कोना अपनी पारंपरिक धरोहर बयां करेगा। मंदिर के आसपास के अन्य मंदिर इसके प्रमुख आकर्षण केंद्र होंगे। जिसमें मां विंध्यवासिनी, अष्टभुजा व उत्तराकाली (कालीखोह) का त्रिकोण दर्शन करने को मिलेगा। इसके साथ ही रामगया घाट, मां तारा देवी मंदिर, रत्नेश्वर महादेव मंदिर व शिवपुर के दर्शन होंगे। त्रिकोण क्षेत्र में स्थित मोतिया तालाब, गेरूआ तालाब, नरसिंह तालाब, नागकुंड, भैरव कुंड व सीता कुंड का आकर्षण सभी को लुभाएगा।

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