मथुरा कांड के जख्मों को भरने में न जाने कितना समय लगेगा, लेकिन फिलहाल
इसने सियासी मोड़ ले लिया है। आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है और इसी बीच
मथुरा की इंटेलिजेंस रिपोर्ट ने एक बड़ा खुलासा किया है। बताया जा रहा है
कि अखिलेश सरकार को जवाहरबाग में बैठे कथित सत्याग्रहियों के पास भारी
मात्रा में असलहा मौजूद होने की जानकारी थी। इस बात की पुष्टि एक लोकप्रिय
अंग्रेजी वेबसाइट ने की है।
मथुरा की इंटेलिजेंस इकाई के चीफ मुन्नी
लाल गौर ने कई खुलासे करते हुए कहा है कि प्रदेश के उच्चाधिकारियों को
जवाहरबाग में पल रहे खतरे की जानकारी दी गई थी। उन्होंने ये भी कहा है कि
यूपी सरकार को करीब 80 रिपोर्ट्स भेजी गई थी मगर उन्हें अनदेखा किया गया
था।
रिपोर्ट्स के मुताबिक मथुरा कांड से एक दिन पहले गौर ने कथित
सत्याग्रहियों के पास मौजूद हथियारों की पूरी सूची तैयार की थी और ये भी
सुझाव दिया था कि इन लोगों से निपटने के लिए अधिक पुलिस फोर्स को जवाहरबाग
भेजना चाहिए।
इस मामले में लखनऊ में प्रदेश के उच्चाधिकारी और
डिस्ट्रिक्ट अफसरों के बीच 17 और 31 मई को हुई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में ये
बोला गया था कि ऑपरेशन के दौरान लोगों की जाने जा सकती हैं वहीं आर्मी से
मदद लेने का भी सुझाव दिया गया था।
आपको बता दें कि मथुरा कांड के
अगले ही दिन सीएम अखिलेश यादव ने इंटेलिजेंस फेलियर को दोषी ठहराया था।
लेकिन इन खुलासों ने इंटेलिजेंस फेलियर की नाकामी वाले दावों को गलत साबित
किया है। और सपा सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया है।
गौरतलब है कि इस हिंसा में 2 पुलिस अफसर समेत 26 लोगों ने अपनी जान गंवाई थी।