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मुगलसराय के बाद अब यूपी के इन शहरों के नाम बदलने की तैयारी, उठ रही मांग

विपक्ष ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सरकार सूबे के जरूरी मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है

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लखनऊ

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Hariom Dwivedi

Aug 07, 2018

Yogi Adityanath

मुगलसराय के बाद अब यूपी के इन शहरों के नाम बदलने की तैयारी

लखनऊ. मुगलसराय रेलवे स्टेशन का नाम बदलते ही अब यूपी के कई शहरों के नाम बदलने की मांग जोर पकड़ने लगी है। सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व योगी सरकार में मंत्री ओम प्रकाश राजभर बहराइच का नाम बदलकर महराजा सुहेलदेव के नाम पर करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि बहराइच सुहेलदेव की जन्मस्थली है, इसलिये जिले का नाम बदलकर महराजा सुहेलदेव के नाम पर किया जाना चाहिये। इसके लिये वह यूपी सरकार को पत्र भी लिखेंगे और जरूरत पड़ी तो आंदोलन भी छेड़ेंगे। बहराइच ही नहीं फैजाबाद और इलाहाबाद के अलावा लखीमपुर-खीरी जिले के मोहम्मदी तहसील का नाम भी बदलने की बात कही जा रही है।

बीते दिनों यूपी सरकार के कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने राज्यपाल राम नाईक को इलाहाबाद का नाम बदलकर 'प्रयाग' किए जाने को लेकर पत्र लिखा था। डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य भी इलाहाबाद का बदले जाने की वकालत कर चुके हैं। उन्होंने कहा था कि इलाहाबाद की पहचान तीन नदियों के संगम की वजह से है, इसलिए इसका नाम 'प्रयागराज' होना चाहिए। साथ ही उन्होंने फैजाबाद जिले नाम बदलकर 'अयोध्या धाम' करने की बात कही थी।

मोहम्मदी क्षेत्र से भाजपा विधायक लोकेंद्र प्रताप सिंह ने मोहम्मदी का नाम बदले की कवायद शुरू कर दी है। नाम बदले जाने को लेकर उन्होंने शासन को कई पत्र लिख हैं। सूत्रों की मानें तो मोहम्मदी का नाम बदलने की तैयारी शुरू हो चुकी है। इसका नया नाम पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर किया जा सकता है। भाजपा विधायक का कहना है कि उन्होंने चुनाव के दौरान जनता से मोहम्मदी का नाम बदलवाने का वादा किया था, जिसे अब पूरा करने का समय आ गया है।

विपक्ष की नसीहत- विकास की राजनीति करे भाजपा
शहरों के नाम बदले जाने को लेकर विपक्ष ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सरकार सूबे के जरूरी मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है। समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता अनुराग भदौरिया ने कहा कि बीजेपी वाले 'काले अंग्रेज' हैं। भाजपा वाले विकास की नहीं नाम बदलने की राजनीति कर रहे हैं। ये नाम बदलेंगे, आगामी चुनाव में जनता इन्हें बदल देगी। उन्होंने कहा कि सरकार सकारात्मकता से काम करे। कांग्रेस प्रवक्ता अंशू अवस्थी ने बीजेपी को नसीहत देते हुए कहा कि भाजपा वाले नाम और रंगों का राजनीति न करें, जिसके लिए जनता ने चुना था उसकी बात करें। विकास कर किसी भी शहर की पहचान बदली जा सकती है नाम बदलकर नहीं। उन्होंने कहा कि लॉ एंड ऑर्डर, महंगाई और बेरोजगारी को रोकने में पूरी तरह विफल है।

पहले भी होती रही है नाम बदलने की राजनीति
ऐसा पहली बार नहीं है, जब उत्तर प्रदेश की सरकारें अपने पसंदीदा महापुरुषों के नाम पर नामकरण करती रही हैं। इससे पहले भी समाजवादी पार्टी और बसपा की सरकारें एक-दूसरे के रखे हुए नामों को बदलती रही हैं। मायावती ने अमेठी को जिला बनाकर उसका नाम छत्रपति शाहूजी नगर कर दिया था। मुलायम आए तो उन्होंने मायावती का फैसला रद्द कर दिया। फिर मायावती आईं तो उन्होंने पुराना फैसला लागू कर दिया। 2012 में जब अखिलेश आए तो उन्होंने शाहूजी का नाम बदलकर अमेठी कर दिया। यही नहीं उन्होंने मायावती के रखे हुए सभी जिलों के नाम बदल दिए थे। मिसाल के लिए उन्होंने प्रबुद्ध नगर का नाम शामली। भीम नगर का नाम बहजोई, पंचशील नगर का नाम हापुड़, ज्योतिबा फुले नगर का नाम अमरोहा, महामाया नगर का नाम हाथरस, कांशीराम नगर का नाम कासगंज, रमाबाई नगर का नाम कानपुर देहात और छत्रपति शाहूजी महाराज नगर का नाम या था। अब योगी सरकार भी अपनी पसंद के महापुरुषों के नाम पर नामकरण कर रही है।