
बलरामपुर अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती महिला, एचएमपीवी वायरस की पुष्टि
UP HMPV Virus Alert: शहर के नेहरू नगर स्थित मोतीनगर की 60 वर्षीय एक महिला में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) से संक्रमण की पुष्टि हुई है। महिला को परिजन बुधवार रात केजीएमयू ट्रामा सेंटर ले गए, लेकिन बेड की अनुपलब्धता के कारण उन्हें दूसरे संस्थान रेफर कर दिया गया। बाद में बलरामपुर अस्पताल की इमरजेंसी में भर्ती कराया गया, जहां महिला को आइसोलेशन वार्ड में रखा गया है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने कहा कि महिला के संपर्क में आए सभी व्यक्तियों की पहचान और जांच की जाएगी। इसके लिए टीमें गठित की गई हैं जो संपर्क में आए लोगों का नमूना लेकर विस्तृत जांच करेंगी।
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि महिला का नमूना निजी लैब में जांचा गया था, लेकिन लैब ने सीएमओ कार्यालय को इसकी सूचना नहीं दी। यदि केजीएमयू की लैब से जांच रिपोर्ट नकारात्मक आती है, तो निजी लैब के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। अधिकारियों ने दोबारा नमूना जांच के लिए भेजा है।
केजीएमयू माइक्रोबायोलॉजी विभाग की प्रमुख डॉ. अमिता जैन ने बताया कि एचएमपीवी वायरस की जांच के लिए आरटीपीसीआर किट का उपयोग किया जाएगा। यह किट कोविड जांच किट से अलग है। उन्होंने कहा कि वायरस की पहचान के लिए संस्थान में विशेष किट और रीजेंट का इंतजाम किया जा चुका है।
उत्तर प्रदेश सरकार के निर्देश पर केजीएमयू और पीजीआई में एचएमपीवी वायरस की निशुल्क जांच की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। नमूनों की जांच 24 से 72 घंटे के भीतर पूरी होगी।
एचएमपीवी वायरस के लक्षण फ्लू और कोरोना वायरस से मिलते-जुलते हैं।
सामान्य लक्षण: खांसी, बुखार, गले में खराश, नाक बंद, सांस लेने में कठिनाई।
गंभीर स्थिति: संक्रमण के बढ़ने पर यह ब्रोंकाइटिस या निमोनिया का रूप ले सकता है।
एक बार वायरस की चपेट में आने के बाद व्यक्ति 3 से 6 दिनों तक बीमार रह सकता है।
छींकने और खांसने से वायरस हवा में फैलता है।
संक्रमित सतहों को छूने से भी यह फैल सकता है।
हाथों की स्वच्छता: साबुन से बार-बार हाथ धोएं।
संक्रमित व्यक्ति से दूरी: संक्रमित व्यक्ति के पास जाने से बचें।
आइसोलेशन: लक्षण महसूस होने पर खुद को आइसोलेट करें।
सुरक्षात्मक उपाय: मास्क पहनें और भीड़भाड़ वाले इलाकों से बचें।
घर पर आराम: बीमारी की स्थिति में घर में ही रहें और आराम करें।
केजीएमयू के रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभागाध्यक्ष डॉ. सूर्यकांत ने कहा, “एचएमपीवी से घबराने की जरूरत नहीं है। सतर्कता और स्वच्छता ही इसका सबसे अच्छा बचाव है। मास्क का उपयोग और भीड़ वाले इलाकों से बचाव जरूरी है।”
Published on:
10 Jan 2025 09:36 am
बड़ी खबरें
View Allलखनऊ
उत्तर प्रदेश
ट्रेंडिंग
